शुभ दिन नहीं हुआ महागठबंधन सरकार का शपथ ग्रहण, पारस बोले- तीन महीना में तीन विकेट गिर गया

शुभ दिन नहीं हुआ महागठबंधन सरकार का शपथ ग्रहण, पारस बोले- तीन महीना में तीन विकेट गिर गया

HAJIPUR: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से आरजेडी कोटा के दो मंत्रियों की विदाई नीतीश कैबिनेट से हो चुकी है। माना जा रहा है कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की विदाई भी आने वाले दिनों में हो सकती है। हालांकि तेजस्वी के साथ साथ आरजेडी का शीर्ष नेतृत्व चंद्रशेखर के साथ खड़ा हो गया है। इधर जेडीयू मंत्री चंद्रशेखर पर कार्रवाई की मांग पर अड़ गई है। सुधाकर सिंह और चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जेडीयू और आरजेडी आमने सामने आ गए हैं। महागठबंधन में चल रहे खींचतान को लेकर राष्ट्रीय लोजपा के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि महागठबंधन सरकार का शपथ ग्रहण ही गलत समय में हुआ है। तीन महीना में तीन विकेट गिर गया है और आने वाले समय में बहुत कुछ होने वाला है। उन्होंने कहा कि बिहार में बेमेल का गठबंधन हुआ है, जिस दिन चुनाव होगा उस दिन तेजस्वी यादव को राहुल गांधी और नीतीश कुमार में से किसी एक को चुनना होगा।


केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि  नीतीश कुमार देश का प्रधानमंत्री बनने के लालच में एनडीए गठबंधन को छोड़कर आरजेडी के साथ महागठबंधन में चले गए। पुरानी कहावत है कि एक मयान में दो तलवार नहीं रहता है। एक तरफ राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार को उनके लोग पीएम कैंडिडेट बता रहे हैं। जिस गठबंधन में राहुल गांधी और नीतीश कुमार हैं उसमे तेजस्वी यादव भी शामिल हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर इस स्थिति में तेजस्वी यादव क्या करेंगे। ऐसे भी 2024 में लोकसभा का जो चुनाव होना है, उसमें कोई वैकेंसी नहीं है। नरेंद्र मोदी ही फिर से देश के प्रधानमंत्री होंगे और दो तीहाई बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी।


पारस ने कहा कि बिहार में जब महागठबंधन की सरकार का गठन हुआ वह शुभ दिन देखकर नहीं हुआ। जिस दिन सरकार बनी उसके दूसरे-तीसने दिन कानून मंत्री पर गंभीर आरोप लगे और अंततः उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। कुछ दिन के बाद कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का मामला सामने आया। उन्होंने अपने ही विभाग के अधिकारियों को चोर बताया और नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, जिसका नतीजा हुआ कि उन्हें भी मंत्री पद छोड़ना पड़ा। अब नया मामला शिक्षा मंत्री का सामने आ गया है। 


उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से जो बहुत विद्वान व्यक्ति होता है उसे ही शिक्षा मंत्री बनाया जाता है। बिहार के शिक्षा मंत्री को रामायण और महाभारत का कोई ज्ञान नहीं है। उन्होंने रामचरितमानस को लेकर जो आपत्तिजनक बयान दिया वह उन्हें नहीं बोलना चाहिए था। ऐसे शिक्षा मंत्री को एक मिनट भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चाहिए कि वे ऐसे शिक्षा मंत्री को अपने कैबिनेट से तत्काल बर्खास्त कर दें। पूरे देश में शिक्षा मंत्री के बयान का निगेटिव मैसेज गया है।