बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। राज्य के अंदर कहीं भी शराब पीना या इससे जुड़ा कोई भी कारोबार करना गैरकानूनी माना गया है। इसके जांच को लेकर एक अलग पुलिस टीम का भी गठन किया गया है। जिसके तरफ से आए दिन छापेमारी की घटना को अंजाम दिया जाता है। इस दौरान कई जगहों पर शराब की बोतलों के साथ कैश भी जब्त किए जाते हैं। अब इसी मामले में पटना हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाया है।
पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि, राज्य में लागू शराबबंदी कानून कानून की धारा 58 के तहत नगद राशि को जब्त नहीं किया जा सकता। इस धारा में नगद राशि जब्त करने का कोई प्रावधान नहीं है। यह आदेश जस्टिस पीबी बजन्थरी और न्यायमूर्ति रमेश चंद मालवीय की खंडपीठ ने सुनाई है। इसको लेकर बृजलाल यादव उर्फ बृजलाल प्रसाद के तरफ से अपील दर्ज की गई थी।
इसके बाद कोर्ट ने जब्त राशि वापस करने का आदेश दिया। हालांकि, कोर्ट ने जमानत बॉन्ड पर जब्त राशि को वापस करने का आदेश दिया है। इससे पहले इस मामले में अर्जी दायर कर हाई कोर्ट को बताया कि शराबबंदी कानून के तहत नकदी जब्त करने का प्रावधान है ? जब्त राशि वापस करने के बारे में कानून चुप क्यों है? उन्होंने आवेदक के पक्ष में जब्त राशि को वापस करने के बारे में कोर्ट को आदेश देने की गुहार लगाई।
इसके बाद कोर्ट ने शराबबंदी कानून कि धारा 58 की व्याख्या की और कहा कि इस धारा के प्रावधानों की जांच की गई। इसमें पाया गया कि इस धारा में नगद राशि को जब्त करने वाले अधिकारी को अपराध के आरोपी व्यक्ति के कब्जे में पाए गए किसी भी पैसे को जब्त करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने जब्ती आदेश को अवैध करार देते हुए जब्ती आदेश को रद्द कर दिया।
इधर कोर्ट ने जहानाबाद जिले के काको थाने में दर्ज कांड संख्या 190/2021 में जब्त 2,24,200 रुपये को वापस करने का आदेश दिया। वहीं जहानाबाद के जिले मजिस्ट्रेट को जब्त की गई राशि 2,24,200 रुपये को हाईकोर्ट के आदेश की प्रति प्राप्त होने के तुरंत बाद आवेदक को जमानत बॉन्ड लेकर वापस देने का आदेश दिया।