SUPAUL: रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी कर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने नीतीश सरकार की खूब फजीहत कराई थी। बिहार की सियासत में यह मामले लंबे समय तक गर्म रहा था। सीएम की नसीहत के बावजूद चंद्रशेखर लगातार हिंदू धर्म ग्रंथों पर सवाल उठा रहे हैं। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने सुपौल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि शास्त्रों में दी गई गाली को हम आशीर्वाद नहीं समझ सकते हैं। एक सत्य बोल चुके हैं अभी और कई सत्य बोलने बाकी हैं।
दरअसल, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुधवारा को सुपौल पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए जमकर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि भीमराव अंबेडकर की देन है कि बहुजन और शोषित समाज के लोग आज पढ़ाई कर सकते हैं हालांकि पाखंडी चाहते हैं कि हम मूर्ख बनकर रहें और शास्त्रों में दी गई गाली को आशीर्वाद समझे। उन्होंने कहा कि एक सच तो पहले बोल चुके हैं अभी और कई सच बोलने बाकी हैं, समय आने पर उसे भी बोलेंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मीडिया सच को झूठ बनाने का काम कर रही है। उन्होंने फिर कहा कि हम एकलव्य की संतान हैं, अंगूठा देना नहीं चाहते, जबाब देना जानते हैं। गाली को अमृत कैसे समझ सकते हैं। पंडित लोग तारना का अर्थ अलग-अलग बताते हैं, हमें हिंदी और संस्कृत की डिक्शनरी देखना अच्छी तरह से आता है। इस दौरान उन्होंने मोहन भागवत के उस बयान की भी चर्चा की जिसमें भागवत ने कहा था कि ईश्वर ने जातियां नहीं बनाई बल्कि पंडितों ने लोगों को जाति में बांटने का काम किया।