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1st Bihar Published by: Updated Sun, 25 Dec 2022 06:46:39 PM IST
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PATNA: बिहार के छपरा में पिछले दिनों जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर बीजेपी महागठबंधन की सरकार पर लगातार हमलावर बनी हुई है। बीजेपी की तरफ से शराबकांड के पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की बार-बार मांग करने के बावजूद सरकार मुआवजा देने को तैयार नहीं है। इसी बीच बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने शराबबंदी के मुद्दे पर नीतीश सरकार से सात सवालों का जवाब मांगा है।
सुशील मोदी ने अपने सात सवालों के जरीए शराबबंदी पर नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश की है। सुशील मोदी ने कहा कि सरकार ईमानदारी पूर्वक शराबबंदी से जुड़े उनके सात सवालों का जवाब दे, ताकि बिहार में शराबबंदी कानून को लागू करने के वक्त जो गलतियां हुई हैं उसे सुधारा जा सके। बता दें कि बीजेपी ने शराब से हुई मौतों को लेकर सड़क से सदन तक अपनी आवाज को बुलंंद किया था हालांकि मुख्यमंत्री ने साफ लहजे में कह दिया था कि जो पिएगा वो मरेगा और शराब पीकर मरने वालों के परिवार को सरकार कोई मदद नहीं देगी।
सुशील मोदी के 7 तीखे सवाल..
1. उत्पाद एवं मद्य निषेध कानून की धारा-34 के अन्तर्गत जहरीली या नकली शराब बेचने वालों को जब उम्र कैद की सजा का प्रावधान है, तब सरकार बताये कि छह साल में कितने लोगों को ऐसी सजा दिलायी गई?
2. शराबबंदी कानून की धारा-42 के तहत जहरीली शराब बेचने वाले कितने लोगों से मुआवजा वसूला गया?
3. शराब पीने के कारण जिन 3.5 लाख लोगों पर केस दर्ज हुआ, उनमें से कितने लोगों को सरकार सजा दिला पायी और ऐसे मामले में कनविक्शन रेट क्या है?
4. हाई कोर्ट के आदेशानुसार सरकार जहरीली शराब पीने वालों का उपचार करने के लिए अब तक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेड्योर(एसओपी) क्यों नहीं बना पायी?
5. शराब बनाने-बेचने और पीने वालों की जानकारी पाने के लिए जो टॉल-फ्री नंबर बिजली के पोल पर लिखवा कर सार्वजनिक किये गए थे, उन पर कितनी शिकायतें मिलीं और क्या कार्रवाई हुई ?
6. शराबबंदी लागू करने के बाद राज्यभर में जो नशामुक्ति केंद्र खोले गए थे, उनमें से कितने सक्रिय हैं और ये कितने लोगों को नशे की आदत से मुक्त करा पाए?
7. शराबखोरी के खिलाफ जो जागरुकता अभियान शुरू किया गया था, वह बंद क्यों हो गया?