ब्रेकिंग न्यूज़

Jharkhad DGP Tadasha Mishra: झारखंड की पहली महिला DGP बनीं तदाशा मिश्रा, पदभार ग्रहण करने के बाद क्या बोलीं? Jharkhad DGP Tadasha Mishra: झारखंड की पहली महिला DGP बनीं तदाशा मिश्रा, पदभार ग्रहण करने के बाद क्या बोलीं? Bihar Election 2025: यूपी के रेलवे स्टेशन से करीब एक करोड़ कैश के साथ पकड़ा गया मोकामा का शख्स, बिहार चुनाव से तार जुड़ने की आशंका Bihar Election 2025: यूपी के रेलवे स्टेशन से करीब एक करोड़ कैश के साथ पकड़ा गया मोकामा का शख्स, बिहार चुनाव से तार जुड़ने की आशंका Bihar Election 2025 : ऐतिहासिक मतदान के बाद चुनावी समर में बढ़ा सियासी तापमान, PM मोदी ने कहा - अब नहीं चाहिए कट्टा सरकार Bihar Election 2025: संपत्ति के नाम पर कुछ भी नहीं, फिर भी बिहार चुनाव में आजमा रहे किस्मत, कौन हैं BSP उम्मीदवार सुनील चौधरी? Bihar assembly election : 'खानदानी लुटेरे फिर से लूटने आए हैं, लालटेन डकैती का साधन', बिहार में दिखा सीएम योगी का अलग अंदाज़; कहा - जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं Delhi Airport : दिल्ली एयरपोर्ट से नहीं उड़ी फ्लाइट, यात्री करते रहे लंबा इंतजार; जानिए क्या रही वजह Bihar Election 2025: केंद्रीय मंत्री के हेलीकाप्टर को लैंडिंग की नहीं मिली अनुमति, करना पड़ा लंबा इंतजार; जानिए क्या रही वजह? Bihar accident news : बिहार में दो दर्दनाक हादसे: चुनावी ड्यूटी से लौट रहे शिक्षक और दो युवकों की मौत, मातम का माहौल

शराबबंदी कानून में संशोधन के बाद सभी जिलों में तैनात किये गये 300 से ज्यादा अधिकारी, सजा देने में आएगी तेजी

1st Bihar Published by: Updated Sun, 03 Apr 2022 10:08:11 AM IST

शराबबंदी कानून में संशोधन के बाद सभी जिलों में तैनात किये गये 300 से ज्यादा अधिकारी, सजा देने में आएगी तेजी

- फ़ोटो

PATNA : बिहार शराबबंदी संशोधन विधेयक विधानसभा से पारित हो गया है. इसके बाद इस कानून को अमली जामा पहनाने के लिए जिलों में अधिकारी तैनात किये जा रहे हैं. सरकार ने 390 अधिकारियों को शराबबंदी कानून के तहत जमानत, जुर्माना और सजा देने के लिए विशेष कार्यपालक दंडाधिकारी नियुक्त किया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. जिले और अनुमंडल की आबादी के हिसाब से विशेष कार्यपालक दंडाधिकारी की संख्या तय हुई है. ये नियुक्ति की तिथि से दो साल या दूसरे वहां से तबादला होने तक इस पद पर काम करते रहेंगे.


बता दें कि इसी बजट सत्र में बिहार मद्य निषेध और उत्पाद (संशोधन) अधिनियम-2022 की मंजूरी मिली है. उसी संशोधन कानून के तहत शराब मामलों का ट्रायल एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, डिप्टी कलेक्टर या इससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों को करना है. पूर्व में ही संबंधित जिलों में तैनात उन अफसरों को पटना उच्च न्यायालय के निर्देश के तहत न्यायिक दंडाधिकारी द्वितीय श्रेणी की शक्ति दी गई है. ये अफसर बिहार मद्य निषेध और उत्पाद (संशोधन) अधिनियम-2022 की धारा-37 के तहत शराब का उपभोग करने पर जुर्माना देकर छोड़ने या फिर जेल भेजने पर विचार करेंगे.


इस विधेयक के अनुसार शराब पीते या शराब के नशे में पकड़े गए व्यक्ति को जुर्माना का भुगतान करने पर छोड़ा जा सकता है. पर जुर्माना नहीं चुकाने की सूरत में एक माह के साधारण कारावास की सजा होगी. शराब पीने के आरोप में पकड़े गए शख्स को नजदीक के कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा. यदि व्यक्ति जुर्माने की राशि जमा करवा देता है तो उसे छोड़ दिया जाएगा लेकिन यह उसका अधिकार नहीं होगा.