PATNA: छपरा में जहरीली शराब पीने से अबतक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में बीजेपी ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया तो नीतीश अपना आपा खो बैठे। सदन की मर्यादा को तार-तार करते हुए मुख्यमंत्री ने बीजेपी विधायकों को ही शराबी कह दिया। इससे एक कदम आगे बढ़कर नीतीश कुमार के करीबी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शराब से मौतों पर अजब दलील दे डाली। उन्होंने कहा कि हत्या के खिलाफ बहुत पहले कानून बना था लेकिन आज भी लोगों का मर्डर हो रहा है। इसी तरह शराबबंदी कानून को सरकार ने लागू किया लेकिन बावजूद इसके लोग शराब पीकर मर रहे हैं। उन्होंने यहा तक कह दिया कि लोगों का मरना यह साबित कर रहा है कि शराब स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
बिहार सरकार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि बिहार में जब शराबबंदी कानून लागू हुआ था उस वक्त सभी दलों ने इसका समर्थन किया था लेकिन आज वही लोग इसको लेकर सरकार को दोषी बता रहे हैं। विपक्ष के लोग कहते हैं कि सब जगह शराब मिल रही है लेकिन जब सरकार कहती है कि वे बताएं कि कहां शराब बिक रही है तो कोई कुछ नहीं बोलता है। उन्होंने सरकार का बचाव करते हुए दलील दी कि वर्षों पहले हत्या के खिलाफ कानून बना था लेकिन आज भी लोगों का मर्डर हो रहा है। शराबबंदी के बावजूद लोग अपने स्वास्थ्य का ख्याल नहीं कर रहे हैं तो इसमें सरकार क्या कर सकती है।
उन्होंने कहा कि शराब पीने वाले लोगों का न तो अपने स्वास्थ्य का ख्याल होता है और ना ही समाज की कोई चिंता होती है। शराब पीने से अगर किसी की मौत हो रही है तो यह शराबबंदी कानून का औचित्य बताता है। बंदी के बावजूद अगर कही शराब बिक रही है और लोग पी रहे हैं तो सरकार इसे गलत मानती है और इसके खिलाफ कार्रवाई होती है। शराब पीने और इसके अवैध धंधे में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि लोगों का मरना सिर्फ इतना ही साबित करता है कि शराब स्वास्थ्य के लिए जहरीली है।