शराब पर विधानसभा में भारी बवाल: तेजस्वी बोले- मंत्री के कैंपस से बरामद हुई दारू, सरकार ने रामसूरत राय पर क्यों नहीं की कार्रवाई

शराब पर विधानसभा में भारी बवाल: तेजस्वी बोले- मंत्री के कैंपस से बरामद हुई दारू, सरकार ने रामसूरत राय पर क्यों नहीं की कार्रवाई

PATNA : बिहार में शराबबंदी को लेकर विधानसभा में आज जमकर बवाल हुआ. आरजेडी-कांग्रेस से लेकर वाम दलों के सदस्यों ने बिहार में शराब की अवैध बिक्री को लेकर भारी हंगामा खड़ा कर दिया. लेकिन सनसनी तब फैल गयी जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय के घर से शराब की बरामदगी हुई है. सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की है.


तेजस्वी का बड़ा आरोप
शराब को लेकर बिहार विधानसभा में बुधवार की सुबह से ही हंगामा हुआ. विपक्षी सदस्य सरकार पर शराब माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए हंगामा करते रहे. वे सदन में शराब पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे. हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलता रहा लेकिन बाद में सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी.


उसके बाद जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो तेजस्वी यादव ने गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय के कैंपस से शराब के कार्टन बरामद हुए हैं. सरकार बताये कि मंत्री के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है. तेजस्वी के आरोपों के बाद सदन में फिर से हंगामा खड़ा हो गया. आरजेडी कांग्रेस के सदस्य मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे.


सरकार की सफाई
उधर मंत्री रामसूरत राय का बचाव करने के लिए मंत्री श्रवण कुमार आगे आये. उन्होंने कहा कि आज ये खबर आयी है कि मुजफ्फरपुर में शराब की बरामदगी हुई है. लेकिन ये मंत्री रामसूरत राय के घर से नहीं हुई है. रामसूरत राय के पिता के नाम पर एक स्कूल चलता है उसके कैंपस से शराब की बरामदगी हुई है. नेता प्रतिपक्ष को किसी मंत्री पर आरोप लगाने से पहले उसकी सत्यता की जांच कर लेनी चाहिये.


इन सबके बीच सदन में शराब को लेकर हंगामा चलता रहा. आरजेडी विधायक कुमार सर्वजीत ने कहा कि बिहार सरकार ने शराब के नाम पर डेढ़ लाख दलितों को जेल भेज दिया है. उनका परिवार भीख मांग रहा है. शराब माफिया सरकारी संरक्षण में कारोबार कर रहे हैं. उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. पूरा प्रशासनिक तंत्र शराब के कारोबारियों को संरक्षण देने में लगा है.


विपक्षी पार्टी शराब को लेकर सदन में मुख्यमंत्री के बयान की मांग कर रहे थे. उनकी मांग थी कि मुख्यमंत्री खुद सफाई दें कि शराब के नाम पर बिहार में क्या खेल चल रहा है. सदन के सारे काम रोक कर शराब पर चर्चा की जाये.


विपक्ष के हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वे इस मसले पर विशेष चर्चा कराने को तैयार हैं. सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष ने शराब को लेकर सभी पार्टियों के नेताओं की बैठक बुलायी है. इस बैठक में ये तय किया जायेगा कि शराब पर सदन में बहस की जाये या नहीं.