शराब के जंजाल में फंसे नीतीश ने पुलिस को दिया नया फऱमान: अब पीने वालों को नहीं सप्लाई करने वालों को पकड़ो

शराब के जंजाल में फंसे नीतीश ने पुलिस को दिया नया फऱमान: अब पीने वालों को नहीं सप्लाई करने वालों को पकड़ो

PATNA: शराब पीने के आरोप में लाखों लोगों को जेल भेजने के बाद नीतीश कुमार ने नया फऱमान जारी किया है. नीतीश ने पुलिस और उत्पाद विभाग को कहा है-अब पीने वालों को नहीं शराब सप्लाई करने और बेचने वालों को पकड़ो. नीतीश का ये नया फरमान तब आय़ा है जब हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सरकार की भारी फजीहत हुई है. शराब की आड़ में पुलिसिया जुल्म के हर रोज नये किस्से सामने आ रहे हैं. तब नीतीश कुमार ने पुलिस को दूसरा टास्क दिया है. वैसे सरकार ने ये भी साफ किया है कि अगर शराब पीने वाले पकडे गये तो उन्हें छोडा नहीं जायेगा.


नीतीश का नया फरमान

नीतीश कुमार ने आज शराबबंदी की समीक्षा के लिए सारे बड़े अधिकारियों को तलब किया. मुख्य सचिव, डीजीपी से लेकर मद्य निषेध विभाग और पुलिस के आलाधिकारी बैठक में मौजूद थे. बैठक के बाद मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने अब पुलिस और मद्य निषेध विभाग को नया टास्क दिया है. उन्होंने कहा है कि शराब पीने वालों के पीछे दौड़ने के बजाय शराब बेचने और सप्लाई करने वालों को पकड़ा जाये. पुलिस अब इसी पर फोकस करे.


वैसे मुख्य सचिव ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री के नये निर्देश से शराब पीने वाले बच जायेंगे. शराब पीने वाले पकड़े जायेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. बस प्राथमिकता बदल गयी है. पहले प्राथमिकता थी कि शराब पीने और बेचने वाले दोनों को पकड़ा जाये. अब पुलिस पहले शराब बेचने और सप्लाई करने वालों को पकड़ेगी. बाद में शराब पीने वालों को देखा जायेगा.


शराब रोकने के लिए और पैसा लगायेगी सरकार

मीडिया से बात करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि शराब पर रोक के लिए संसाधनों की कमी नहीं होगी. सूबे में एंटी लिकर टास्क फोर्स बना था. संसाधनों के अभाव में उसका काम रूक गया था. मुख्य सचिव ने कहा कि इस टास्क फोर्स को फिर से गाडियां उपलब्ध करा दी गयी हैं. वहीं, शराबबंदी के लिए ड्रोन, मोटरबोट जैसे तमाम संसाधनों का उपयोग जारी रहेगा.


नीतीश का फिर यू टर्न

बता दें कि शराब को लेकर ये नीतीश का चौथी दफे यू टर्न है. नीतीश कुमार के आदेश पर सरकार ने कॉल सेंटर बना रखा है. इसमें शराब पीने वालों की खबर देने वाले को इनाम दिया जाता है. पुलिस को अपने तमाम दूसरे काम छोड़ कर शराब पीने वालों को पकड़ने का आदेश है. बिहार सरकार शराब पीने के आरोप में लाखों लोगों को जेल भेज चुकी है. बिहार के जेलों में जगह नहीं है. शराबबंदी को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई दफे सरकार को फटकार लगायी है. 


बता दें कि 2016 में नीतीश कुमार ने शराबबंदी कानून लागू करते समय शराब पीने वालों को 7 साल जेल की सजा का प्रावधान किया था. घर में शऱाब मिलने पर पूरे परिवार को जेल भेजने का प्रावधान था. बाद में सरकार ने पहली दफे शराब पी कर पकड़े जाने वाले को 50 हजार जुर्माना लेकर छोड़ने का प्रावधान किया. उसके बाद फिर से जुर्माने को कम किया गया. अब सरकार कह रही है कि शराब पीने वालों को नहीं बल्कि सप्लाई करने वाले को पकडा जायेगा.