ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: सहरसा में पुलिस की टीम हमला, थानाध्यक्ष समेत कई पुलिसकर्मी घायल BIHAR: नहाने के दौरान पोखर में डूबने से दो बच्चों की मौत, परिजनों में मचा कोहराम Bihar Crime News: चप्पल खोलकर मंदिर में घुसा चोर, हाथ जोड़कर माता से मांगी माफी; फिर उड़ा ले गया किमती सामान Life Style: अधिक देर तक बैठकर काम करने से दिमाग में हो सकती है सिकुड़न? जानिए...सही जवाब पटना जिले में NH-139 किनारे बालू स्टॉक से सड़क हादसे, वकील की शिकायत पर SDPO ने थानाध्यक्षों को जांच कर एक्शन लेने को कहा Summer Special Trains: इस रूट पर रेलवे चलाने जा रहा समर स्पेशल ट्रेनें, दिल्ली से बिहार आना हो जाएगा आसान Summer Special Trains: इस रूट पर रेलवे चलाने जा रहा समर स्पेशल ट्रेनें, दिल्ली से बिहार आना हो जाएगा आसान Vat Savitri Vrat 2025: इस दिन मनाया जाएगा वट सावित्री व्रत, महिलाओं के लिए क्यों है खास? Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुंगेर में की अहम बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुंगेर में की अहम बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश

शहरीकरण के नाम पर अब किसी की भी जमीन ले पाएगी सरकार, नीतीश सरकार की नई अधिग्रहण नीति को विपक्ष भी समझ ना पाया

1st Bihar Published by: Updated Tue, 29 Mar 2022 08:33:00 AM IST

शहरीकरण के नाम पर अब किसी की भी जमीन ले पाएगी सरकार, नीतीश सरकार की नई अधिग्रहण नीति को विपक्ष भी समझ ना पाया

- फ़ोटो

PATNA : जमीन अधिग्रहण के मसले पर कभी किसानों के हिमायती दिखने वाले नीतीश कुमार की सरकार ने अब राज्य में जो नई जमीन अधिग्रहण पॉलिसी लागू की है. उसके बाद जमीन मालिकों की मर्जी सरकार के सामने नहीं चलेगी. अब सरकार शहरीकरण के नाम पर किसी भी जमीन का अधिग्रहण कर पाएगी और इसके लिए जमीन मालिकों की राय कोई मायने नहीं रखेगी. बड़ी बात यह है कि सरकार ने बिहार शहरी आयोजना और विकास संशोधन विधेयक को विधानसभा में पास भी कर लिया और विपक्ष के ज्यादातर लोगों को यह मामला समझ में ही नहीं आया.


दरअसल, इस संशोधन विधेयक के पास होने के बाद अब राज्य सरकार शहरीकरण के लिए किसी भी जमीन का अधिग्रहण कर पाएगी. इसके लिए 80 फ़ीसदी भूमि मालिकों की मंजूरी की बाध्यता भी खत्म कर दी गई है. विधानसभा में यह विधेयक सोमवार को पास हो गया. अब अगर किसी जमीन का अधिग्रहण किया जाता है तो इसके लिए जमीन मालिकों की मंजूरी की बाध्यता भी नहीं होगी.


सरकार का मानना है कि शहरीकरण की दिशा में इस संशोधन विधेयक के पास होने के बाद तेजी आएगी. मास्टर प्लान के अनुरूप शहरों का विकास हो पाएगा और व्यवहारिक कठिनाइयों का निराकरण भी सरकार कर पाएगी. जमीन के लिए अब सरकार की विकास योजनाएं नहीं फंसेगी.


इस विधेयक के पास होने के दौरान सदन में विपक्ष भी मौजूद रहा लेकिन सत्र के अंतिम दिनों में सरकार ने इसे जिस रणनीति के तहत स्वीकृत कराया उसमें विपक्षी सदस्यों का ध्यान विधेयक में किए गए बदलाव पर नहीं जा पाया. जमीन अधिग्रहण एक ऐसा मसला रहा है जिस पर विपक्ष सत्ता पक्ष को घेरता रहा है लेकिन इतने बड़े फैसले या तो विपक्ष समझ नहीं पाया या फिर उसने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई.