PATNA : कभी RJD के सबसे आला नेताओं में शुमार किये जाने वाले शहाबुद्दीन की मौत के बाद जब उनके समर्थकों का गुस्सा भड़का तो लालू फैमिली बैकफुट पर आ गयी है. शहाबुद्दीन समर्थकों ने आज RJD की कब्र खोदने की धमकी दे दी. उसके बाद तेजस्वी ने ताबड़तोड़ ट्वीट कर सफाई दी है. तेजस्वी कह रहे हैं कि वे शहाबुद्दीन साहब को जन्नत में आला मकाम मिलने की दुआ कर रहे हैं.
शहाबुद्दीन समर्थकों का गुस्सा
गौरतलब है कि शनिवार को शहाबुद्दीन की मौत दिल्ली के एक अस्पताल में हो गयी थी. तिहाड़ जेल में बंद शहाबुद्दीन को कोरोना हो गया था. उसके बाद उन्हें दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी मौत हो गयी. उनकी मौत को लेकर ढ़ेर सारे सवाल खड़े हुए. शहाबुद्दीन के परिजनों ने कहा कि उनकी RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव आयी थी. ऐसे में ये साबित हो गया कि कोरोना से मौत नहीं हुई. रिपोर्ट आने के बाद रविवार को शव को दफनाने से रोक दिया गया था.
उधर, शहाबुद्दीन की मौत के बाद उनके समर्थकों में आरजेडी को लेकर भारी गुस्सा है. शहाबुद्दीन के पैतृक गांव सिवान के प्रतापपुर में लोग आरजेडी को कोस रहे हैं. उधर सोशल मीडिया अकाउंट पर शहाबुद्दीन समर्थक आरजेडी की कब्र खोद देने की धमकी दे रहे हैं. उनका आरोप है कि शहाबुद्दीन की मौत के बाद आरजेडी नेतृत्व ने उनके परिजनों की कोई मदद नहीं की. उनके शव को पैतृक गांव लाना था लेकिन तेजस्वी या लालू प्रसाद यादव ने साथ नहीं दिया. दिल्ली से शहाबुद्दीन समर्थकों ने अस्पताल के बाहर से फेसबुक लाइव कर आरजेडी को सबक सिखा देने की खुली धमकी दी.
तेजस्वी की सफाई
शहाबुद्दीन की मौत के बाद उनके समर्थकों के आरोपों से घिरे तेजस्वी यादव ने तीन ट्वीट कर सफाई दी है. तेजस्वी ने कहा है कि आरजेडी शहाबुद्दीन के परिवार वालों के साथ मजबूती से खड़ी रही है औऱ आगे भी रहेगी. तेजस्वी कह रहे हैं कि उन्होंने औऱ उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने शहाबुद्दीन के इलाज से लेकर उनके शव को सिवान ले जाने के लिए हर कोशिश की.
ट्विटर पर तेजस्वी ने लिखा है
“हम ईश्वर से मरहूम शहाबुद्दीन साहब की मग़फ़िरत की दुआ करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उन्हें जन्नत में आला मक़ाम मिले. उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है. राजद उनके परिवार वालों के साथ हर मोड़ पर खड़ी रही है और आगे भी रहेगी.”
अपने दूसरे ट्विट में उन्होंने लिखा है
“इलाज़ के सारे इंतज़ामात से लेकर मय्यत को घरवालों की मर्ज़ी के मुताबिक़ उनके आबाई वतन सिवान में सुपुर्द-ए-ख़ाक करने के लिए मैंने और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्वयं तमाम कोशिशें की,परिजनों के सम्पर्क में रहें लेकिन सरकार ने हठधर्मिता अपनाते हुए टाल-मटोल कर आख़िरकार इजाज़त नहीं दिया.”
तेजस्वी कह रहे हैं
“शासन-प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देकर अड़ियल रुख़ बनाए रखा. पोस्ट्मॉर्टम के बाद प्रशासन उन्हें कहीं और दफ़नाना चाह रहा था लेकिन अंत में कमिशनर से बात कर परिजनों द्वारा दिए गए दो विकल्पों में से एक ITO क़ब्रिस्तान की अनुमति दिलाई गयी. ईश्वर मरहूम को जन्नत में आला मक़ाम दे.”