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सेहत के लिए चमत्कारी है पपीता, मोटापा के अलावा इन बीमारियों में भी बड़े काम की चीज

1st Bihar Published by: Updated Tue, 02 Feb 2021 11:30:43 AM IST

सेहत के लिए चमत्कारी है पपीता, मोटापा के अलावा इन बीमारियों में भी बड़े काम की चीज

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DESK : अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं या आपको यूरिक एसिड की समस्या है तो ऐसे में पपीते का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. आप पपीते को अपनी डायट में शामिल करके आसानी से अपने वजन को कम कर सकते हैं और इससे बढ़ी हुई यूरिक एसिड की समस्या भी कम हो सकती है. दरअसल, पपीता एंटीऑक्सीडेंट और खनिजों से भरपूर होता है और इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है. 


चलिए जानते हैं पपीते के हेल्थ बेनेफिट्स

पपीता यूरिक एसिड वालों के लिए बहुत फायदेमंद है. स्वाद और स्वास्थ्य के लिए मशहुर पपीते में कई गुण पाए जाते हैं. यूरिक एसिड वालों के लिए इसका जूस रामबाण का काम करता है. इसके अलावा पपीता वजन कम करने में भी मददगार साबित होता है. पपीता शरीर की एक्सट्रा कैलोरी को कम करने में मदद करता है. जब हम प्यूरिन युक्त चीजें खाते हैं तो यह हमारे शरीर में पहुंचता है. इसके अलावा इसका निर्माण शरीर की कोशिकाओं द्वारा भी होता है. और यही प्यूरिन बाद में यूरिक एसिड में बदल जाता है. जबकि, इसकी अधिकतर मात्रा रक्त में मिल जाती है. और वहीं शेष यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर आ जाती है. यूरिक एसिड बढ़ने की स्थिति में हमारा शरीर जरूरत से ज्यादा प्यूरिन को तोड़कर यूरिक एसिड का निर्माण करने लगता है और इससे हमारा रक्त सही तरीके से फिल्टर नहीं हो पाता है. जिसकी वजह से यह शरीर के अंदर ही रहकर बढ़ता चला जाता है.


क्या है यूरिक एसिड

दरअसल, यूरिक एसिड का बढ़ जाना एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षण शुरुआत में बिल्कुल आम होते हैं. आपके हाथ और पैर में उठ रहे दर्द और बार बार लग रही थकान ही इसकी मुख्य वजह है. जिसे शुरूआत में हम नजरअंदाज कर देते हैं. इसकी पहचान तब होती है जब यह दर्द आपको कई दिनों तक लगातार परेशान करने लगता है.


यूरिक एसिड को कंट्रोल करे पपीता का जूस- कच्चा पपीता एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लामेट्री गुणों से भरपूर होता है. जिसके कारण यह मरीजों को जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है. 


इसके अलावा बढ़े हुए यूरिक एसिड के कारण यह भी पाया गया है कि इससे कई मरीजों का वजन बढ़ने लगता है या वजन बढ़ने के कारण यूरिक का भी खतरा बढ़ जाता है. दोनों ही हालातों में पपीता में पाए जाने वाले फाइबर की मात्रा उनके लिए लाभकारी साबित हो सकती है. डॉक्टरों की मानें तो प्रतिदिन एक ग्लास पपीते का जूस बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकता है.