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स्कूलों में टॉयलेट की बदहाली देख नाराज हुए के.के.पाठक, सभी जिलों के DM को लिखा लेटर; बताया कहां से खर्च करें पैसा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 17 Aug 2023 10:49:02 AM IST

स्कूलों में टॉयलेट की बदहाली देख नाराज हुए के.के.पाठक, सभी जिलों के DM को लिखा लेटर; बताया कहां से खर्च करें पैसा

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PATNA : बिहार में जबसे शिक्षा विभाग की कमान के के पाठक ने संभाली है तबसे जो लगातार हर रोज कोई न कोई नया फरमान जारी कर रहे हैं। राज्य के अंदर शायद हिओ कोई ऐसा दिन गुजरता हो जिस दिन पाठक शिक्षा विभाग से जुड़ा कोई नया फरमान नहीं जारी करते हैं। इसी कड़ी में अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीएम को लेटर लिख नया आदेश जारी किया है। 


के के पाठक ने सभी जिलों के डीएम को दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि - स्कूलों के निरीक्षण में यह बात सामने आई है कि वहां पर शौचालय बने हुए हैं। लेकिन,अधिकांश उपयोग के लायक नहीं है। निरीक्षण में देखा गया कि इसका मुख्य कारण साफ-सफाई का अभाव है। इतना ही नहीं शौचालयों के साथ ही साथ स्कूल में काफी गंदगी देखी गई है। 


के के पाठक के तरफ से जारी इस लेटर में कहा गया है कि- स्कूलों में साफ़ - सफाई को लेकर जिला और प्रखंड स्तर पर एजेंसी भी तय कर दी गई है। केके पाठक ने अपने पत्र में जिलाधिकारी को स्पष्ट रुपए खर्च करने को लिखा है। खर्च के मद को विस्तृत जानकारी दी गई है।चिट्ठी में कहा गया है कि खनन सेस के अंतर्गत खान एवं भूतत्व विभाग के द्वारा जिलों को दी जाती है। 


पिछले वर्ष 126 करोड़ इस मद में जिलों को दी गई थी, जिसमें अभी भी 77 करोड़ बची हुई है। मनरेगा के अंतर्गत स्वच्छता मद से भी राशि प्राप्त की जा सकती है। राज्य में 13 आकांक्षी जिले हैं, इस मद से राशि ली जा सकती है या नहीं, इस पर भी विचार करें। निर्देश में कहा गया है कि इन मदों से कितने शौचालयों की सफाई की जा सकती है, इसे सूचीबद्ध करें। इसके बाद शेष राशि विभाग के द्वारा जिलों को उपलब्ध कराया जाएगा।


इधर,शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने दिशा-निर्देश जारी कर जिलाधिकारियों को कहा है कि स्कूलों के निरीक्षण में यह बात सामने आई है कि वहां पर शौचालय बने हुए हैं। लेकिन, अधिकांश उपयोग के लायक नहीं है। निरीक्षण में देखा गया कि इसका मुख्य कारण साफ-सफाई का अभाव है। शौचालयों के साथ ही स्कूल परिसर की सफाई की बात उन्होंने अपने पत्र में कहा है।