GOPALGANJ : गोपालगंज में सत्तरघाट पुल का अप्रोच रोड ध्वस्त होने के मामले में सरकारी कारनामे की हर रोज कलई खुलती जा रही है. ताजा खबर ये है कि इस रोड की ठेकेदारी का काम जेडीयू के एक नेता के करीबी ठेकेदार को दिया गया है. सत्तरघाट पुल का अप्रोच रोड ध्वस्त होने के बाद सरकार ने स्थानीय नेताओं पर मुकदमा कर दिया है. अब स्थानीय बीजेपी विधायक कह रहे हैं कि जेडीयू के एक नेता के दबाव पर कुछ स्थानीय लोगों पर फर्जी मुकदमा किया गया है.
सत्तरघाट पुल नहीं सुशासन ध्वस्त हो गया!
दरअसल गोपालगंज में सत्तरघाट के पास पुलिया के अप्रोच सड़क के पानी के तेज़ बहाव के चलते बह जाने के मामले में पुलिस ने फैजुल्लापुर पंचायत के मुखियापति संजय राय पर केस दर्ज किया है. पुलिस ने संजय राय पर पुल की मरम्मत में बाधा डालने का आरोप लगाया है. पुलिस कह रही है कि संजय राय दो दूसरे मामलों का भी वांटेंड अपराधी है. पुलिस संजय राय की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. लेकिन आज स्थानीय बीजेपी विधायक और बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथलेश तिवारी ने पुलिस की एफआईआर को गलत करार देते हुए इसमें एक नेता की साजिश का आरोप लगाया है.
गोपालगंज के बैकुंठपुर के बीजेपी विधायक मिथिलेश तिवारी ने एक न्यूज चैनल को भेजे गये अपने वीडियो में कहा है
“मुझे सूचना मिली है कि वहां के एक मुखियापति संजय राय पर एफआइआर की गई है. इसको न्यूज में भी चलाया जा रहा है कि सरकार की ओर से FIR किया गया है. इसको मैं पूरी तरह से खंडित करता हूं. सरकार के द्वारा कोई एफआइआर संपर्क पथ टूटने को लेकर संजय राय पर नहीं हुआ है. वहां एक संवेदक काम कर रहे थे, जो स्थानीय हैं. एक राज नेता के दबाव में संजय राय पर एफआइआर दर्ज कराया है. हमने पता किया, जिसमें बताया गया कि संवेदक को संजय राय कुछ सुझाव दे रहे थे. उसी को लेकर बहस हुई, जिसको लेकर संजय राय पर थाने में एफआइआर कराई गई."
BJP विधायक ने कहा कि कोई जन प्रतिनिधि अगर किसी ठेकेदार को सलाह-सुझाव देता है तो उस पर एफआईआर दर्ज नहीं होनी चाहिये. वे संजय राय पर एफआईआर की निंदा करते हैं. विधायक मिथिलेश तिवारी ने पुलिस पर हमला और सांप्रदायिक दंगा के आरोपित संजय राय को निर्दोष बताया है. उन्होंने अप्रोच सड़क काटने के मामले में फैजुल्लापुर पंचायत के मुखियापति को फंसाने का आरोप लगाया है. विधायक ने कहा कि वे पहले दिन से ही कह रहे हैं कि अप्रोच रोड टूटने के लिए अधिकारी, संवदेक दोषी हैं और उन के खिलाफ हर हाल में कार्रवाई होनी चाहिए. मिथलेश तिवारी ने कहा कि वे इसके लिए सरकार पर दबाव भी बनायेंगे. गौरतलब है कि सत्तरघाट पुल का अप्रोच रोड ध्वस्त होने के बाद पुलिस ने संजय राय समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर ही मुकदमा कर दिया है. बैकुंठपुर थाने में तीन एफआईआर दर्ज कराये गये हैं. पुलिस संजय राय समेत दूसरे अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.
सत्तरघाट पुल पर BJP-JDU में घमासान
उधर जेडीयू के प्रदेश महासचिव और बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने स्थानीय विधायक मिथलेश तिवारी के खिलाफ एक तरह से मोर्चा खोल दिया है. मंजीत सिंह ने कहा कि अप्रोच रोड कटा नहीं बल्कि एक राजनीतिक षडयंत्र के तहत काटा गया है. ये सब कुछ सरकार को बदनाम करने के लिए किया गया है. इस मामले में पुल निगम के इंजीनियर, ठेकेदार और सीओ की ओर से तीन अलग-अलग मामला दर्ज कराया गया है. मंजीत सिंह ने कहा कि संजय राय एक अपराधी है. उसके खिलाफ विस्फोट और पुलिस पर हमला जैसे मामले दर्ज हैं और वह उनमें वांटेड है. ये वही लोग हैं जो अप्रोच ध्वस्त होने के पहले वीडियो बनाते हैं और फिर ध्वस्त होने के बाद वीडियो बनाकर डालते हैं. पुलिस को संजय राय को तत्काल गिरफ्तार करना चाहिये.
उधर स्थानीय विधायक के दावे को दरकिनार कर गोपालगंज पुलिस सत्तरघाट पुल का अप्रोच ध्वस्त होने के मामले में आरोपी बनाये गये स्थानीय लोगों को गिरफ्तार करने में लगी है. गोपालगंज के एसपी मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है. पहले भी इस कांड में कई लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. मुखियापति की भी जल्द गिरफ्तारी कर ली जाएगी. ऐसा कोई राजनीतिक दबाव पुलिस पर नहीं है.
सत्तरघाट पर सियासी खेल
दरअसल सत्तरघाट पुल के मामले में अलग ही सियासी खेल चल रहा है. इस सीट पर बीजेपी के मिथलेश तिवारी विधायक हैं जिन्होंने पिछले चुनाव में जेडीयू के मंजीत सिंह को पटखनी दी थी. अब जेडीयू-बीजेपी एक साथ आ गये हैं. जेडीयू नेता मंजीत सिंह और उनकी पार्टी चाहती है कि सीट शेयरिंग में बैकुंठपुर सीट उनके पाले में आये. हालांकि बीजेपी की ये सीटिंग सीट है लिहाजा इस पर जेडीयू का दावा बेहद हल्का माना जा रहा है. लेकिन दोनों पार्टियों के बीच सियासी शह-मात का खेल जारी है. स्थानीय लोग बताते हैं कि सत्तर घाट पुल टूटने के बाद जिन लोगों को पुलिस ने अभियुक्त बना दिया उनमें से कई विधायक मिथलेश तिवारी के समर्थक हैं.
स्थानीय लोगों की मानें तो गोपालगंज पुलिस और प्रशासन पर जेडीयू का प्रभाव साफ साफ दिखता है. लिहाजा अप्रोच टूटने के बाद एफआईआर दर्ज कराने में खेल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. स्थानीय लोग ये भी बता रहे हैं कि अप्रोच की ठेकेदारी का काम करने वाले ठेकेदार जेडीयू के एक नेता का करीबी है. विधायक मिथलेश तिवारी ने भी कहा कि ठेकेदारी का काम जिसे मिला है वह एक नेता का करीबी है.