PATNA: बिहार के सरकारी स्कूलों की छुट्टी में कटौती के आदेश को शिक्षा विभाग ने 4 सितंबर को वापस ले लिया है। छुट्टी कटौती के आदेश को सोमवार को निरस्त कर दिया गया। पहली से लेकर 12वीं तक के स्कूलों में छुट्टी की पुरानी व्यवस्था फिर से बहाल की गयी है। बता दें कि 29 अगस्त को शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर रक्षा बंधन से लेकर दिसंबर तक की छुट्टियों की संख्या आधी कर दी थी। वही शिक्षा विभाग ने आज 5 सितंबर मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि बिहार के सरकारी स्कूलों में जरूरत पड़ने पर घोषित / आकस्मिक छुट्टी पर पुनर्विचार किया जाएगा। सरकारी स्कूलों में हर हाल में 200 से 220 दिनों तक कक्षाएं संचालित होगी। जरूरत पड़ी तो घोषित/ आकस्मिक अवकाश को रद्द किया जा सकता है।
इसे लेकर शिक्षा विभाग ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत प्राथमिक विद्यालयों में कम-से-कम 200 दिन और मध्य विद्यालयों में कम-से-कम 220 दिन की पढ़ाई होगी। 01 जुलाई 2023 से विद्यालयों का अनुश्रवण शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है, जो कि पहले नहीं होता था। आज की तारीख में लगभग 40 हजार विद्यालयों का निरीक्षण प्रतिदिन हो रहा है।
शिक्षा विभाग ने बताया कि अब हम यह बताने की स्थिति में हैं कि वास्तविक रूप से कुल कितने दिन स्कूल खुले और कितने दिन बन्द रहे। इससे पहले, चूंकि इतने व्यापक पैमाने पर निरीक्षण की व्यवस्था नहीं थी तब जिला शिक्षा पदाधिकारी केवल घोषित / आकस्मिक अवकाश के आधार पर यह गणना करते थे कि विद्यालय में कुल कितने कार्यदिवस में पढ़ाई हुई। लेकिन जब से अनुश्रवण प्रणाली स्थापित हुई। उसके बाद से यह पता चला है कि कई अघोषित अवकाश भी स्थानीय प्रशासन द्वारा स्थानीय कारणों को देखते हुए लगाए गए। इतना ही नहीं, कई विद्यालय बिना कोई अवकाश घोषित किए ही स्थानीय कारणों से बन्द रहे और वहां पढ़ाई नहीं हुई है।
शिक्षा विभाग की मुख्य समस्या "घोषित अवकाश" नहीं है, बल्कि "अघोषित अवकाश" है, जिनकी जानकारी मुख्यालय तो दूर, जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी नहीं हो पाती थी। जबसे अनुश्रवण व्यवस्था सुदृढ़ हुई तब अब कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं और अब बिना कोई "घोषित / आकस्मिक अवकाश के भी विद्यालयों की बन्द होने की सूचना प्राप्त हो रही हैं। इस तरह के अघोषित अवकाश अथवा विद्यालयों के बन्द रहने की स्थिति निम्नलिखित कारणों से उत्पन्न होती हैं :-
1. बाढ़ के चलते स्कूलों में पानी लग जाना।
2. शीतलहरी के कारण विद्यालय बन्द किया जाना।
3. लू के चलते विद्यालय बन्द किया जाना ।
4. स्वतंत्रता दिवस / गणतंत्र दिवस / अन्य विधि व्यवस्था संबंधी पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति के चलते पुलिस का विद्यालयों में रूकना ।
5. श्रावणी मेला में कांवरियों के रूकने की व्यवस्था विद्यालयों में किया जाना, जिसकी वजह से लगातार एक माह तक पठन-पाठन बाधित रहना ।
6. विभिन्न प्रकार के आयोगों / परीक्षा बोर्डों के परीक्षाओं हेतु विद्यालय अथवा शिक्षक अथवा दोनों का इस्तेमाल किया जाना ।
उपरोक्त कारणों को देखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा कुछ बड़े जिलों में यह गणना कराई गई। मई की वर्तमान अकादमिक सत्र में (01 अप्रैल 2023 से 31 जनवरी 2024 तक) तक कितने दिन विद्यालय खुले रहे और घोषित/अघोषित अवकाशों को देखते हुए कितने दिन विद्यालय अब तक और चलने की संभावना है।अकादमिक सत्र कहने को 31 मार्च 2024 तक रहेगा, किन्तु वास्तविकता है कि कक्षाएं केवल 31 जनवरी 2024 तक ही सुचारू रूप से चलेंगी।
ऐसा इसलिए है कि फरवरी माह में कक्षा 10वीं तथा कक्षा 12वीं की बोर्ड की परीक्षाएं प्रारम्भ हो जाती हैं, जिसमें विद्यालयों के कमरे या विद्यालयों का फर्नीचर या विद्यालयों के शिक्षक या इन तीनों का इस्तेमाल होता है और सभी अन्य कक्षाओं यथा कक्षा 1 से कक्षा 8 की पढ़ाई बाधित रहती है। मार्च महीने में कक्षाएं इसलिए नहीं होती हैं, क्योंकि इन्हीं कक्षाओं (यानी कि कक्षा 1 से कक्षा-8) की परीक्षा प्रारम्भ हो चुकी होती है। उपरोक्त के आधार पर वर्तमान अकादमिक सत्र 2023 2024 में कक्षा 1 से लेकर कक्षा-8 तक कितने दिन की पढ़ाई होने की संभावना है, वह स्थिति सूचीवार दी गई है :-
Duration Patna Muzaffarpur E.Champaran Bhagalpur Araria Lakhisaral
(1st April, 2023 to 31st August, 2023) 100 90 99 97 100 103
(1st September, 2023 to 31st December, 2023) 73 80 78 83 81 78
(1st January, 2024 to 31st January, 2024) 25 25 25 25 25 25
(Total Working Days
Holidays due to Cold Wave) - 198 195 202 205 206 206
As per previous year pattern 13 14 16 15 13 16
Net Working Days 185 181 186 190 193 190
इन आंकड़ों से पता चलता है कि कक्षा 1 से कक्षा-8 तक 200 / 220 दिनों की कक्षाएं होने की संभावना बहुत कम है, जबकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 में यह इंगित है कि कम-से-कम 200 / 220 दिन की पढ़ाई होनी है। चूंकि अब विद्यालयों का सतत् अनुश्रवण हो रहा है, अतः शिक्षा विभाग पूरे अकादमिक सत्र को बहुत बारीकी से देख रहा है और प्रतिबद्ध है कि वह इस अकादमिक वर्ष में 200 / 220 दिनों की कक्षाएं कराएगा और इस संबंध में आवश्यकता पड़ने पर घोषित / आकस्मिक अवकाशों" पर पुनर्विचार किया जाएगा।