PATNA : बिहार में सरकारी कर्मियों को प्रमोशन दिए जाने का मामला आज एक बार फिर बिहार विधानसभा में उठा. आरजेडी के विधायक रामानुज प्रसाद ने ध्यानाकर्षण के जरिए इस मामले पर सरकार से जवाब की मांग की. सदन में सरकार की तरफ से प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मामला कोर्ट में होने की वजह से प्रमोशन को लेकर फैसला नहीं किया जा रहा है. सरकार ने सदन में स्पष्ट कर दिया कि न्यायालय का फैसला आने तक के प्रमोशन को लेकर भी सरकार कोई फैसला नहीं करने जा रही.
रामानुज प्रसाद ने ध्यानाकर्षण में यह सूचना दिया था कि "राज्य के सभी विभागों, निदेशालयों एवं प्रतिष्ठानों में वर्ष 2016 से ही लोक सेवकों की प्रोन्नति बाधित है. राज्य के सभी विभागों में सभी सेवा सम्वर्गीय लाखों प्रोन्नतिजन्य पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं. सरकार द्वारा बेसिक ग्रेड के लोक सेवकों को अपनी कोटि के वेतनमान में वरीय पद का कार्य तो लिया जाता है, परंतु उन्हें उक्त पद का मैट्रिक्स लाभ का भुगतान नहीं किया जाता है. यहाँ तक कि राज्य के सभी सेवा संवर्ग के लाखों लोक सेवक बेसिक ग्रेड में सेवा निवृत हो जाते हैं तथा जिस सेवक की मृत्यु हो जाती है उनके आश्रितों को देय लाभ का भुगतान भी आनुपातिक होता है.
इसके जवाब में सरकार के तरफ से मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मामला न्यायालय में विचारणीय है. अभी इस मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही है.राज्य सरकार प्रोन्नति देने के समर्थन में है लेकिन मामला न्यायालय में है.
इसके बाद राजद विधायक रामानुज ने कहा कि सरकार टाल मटोल कर रही है.सरकार स्पष्ट जबाब दे कि आखिर कब तक यह मामला साफ हो जाएगा. इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार की कही मंशा नही है कि हम प्रोन्नति नहीं दें. मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जब तक कोर्ट से कोई फैसला नहीं आएगा तब तक सरकार कुछ नही कर सकती है.