18.68 रुपये तय की गई धान की MSP, एक साल में सिर्फ 53 पैसा बढ़ा, पिछले साल की तुलना में धट गई एमएसपी

18.68 रुपये तय की गई धान की MSP, एक साल में सिर्फ 53 पैसा बढ़ा, पिछले साल की तुलना में धट गई एमएसपी

PATNA :  गुरूवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में एक अणे मार्ग नेक संवाद में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए खरीफ विपणन और धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षा बैठक की गई. इस बैठक में सहकारिता खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने बताया कि धान अधिप्राप्ति का न्यूनतम लक्ष्य इस साल 45 लाख मैट्रिक टन रखा गया है. साथ ही साधारण धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 18.68 पर पैसे और ए ग्रेड धान का एमएसपी 18.88 पैसे प्रति किलो रखा गया है.


पिछले साल की तुलना में 12 पैसा कम
आपको बता दें कि पिछले एक साल में धान की एमएसपी में 1 किलो पर 53 पैसा बढ़ाया गया है. केंद्र सरकार ने पिछले वित्त वर्ष (2019-20) के लिए खरीफ की 13 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी थी. इस सीजन की प्रमुख फसल धान के समर्थन मूल्य मेन 018-19 की तुलना में 65 पैसे प्रति किलो बढ़ाया गया था. हालांकि इस साल सरकार ने जो रेट तय किया है, उसके मुताबिक एक किलो धन पर 53 पैसा बढ़ाया गया है. यानी कि पिछले साल की बढ़ोतरी की तुलना में 12 पैसा कम है.



अधिक से अधिक हो धान की खरीदारी 
गुरूवार को मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहां की हम लोगों का उद्देश्य है कि किसानों की उपज अधिक से अधिक अधिप्राप्ति हो और इसका सीधा लाभ किसानों को मिले. साल 2005 के पहले प्रोक्योरमेंट नहीं था. हम लोगों ने पैक्स की शुरुआत कराई और पैक्स के माध्यम से अधिप्राप्ति कराए जाने लगी, जिससे किसानों को लाभ पहुंचा. इस साल अच्छी फसल हुई है, जिसके कारण पहले से अधिक अधिप्राप्ति की संभावना है. अधिक से अधिक किसानों को धान अधिप्राप्ति के लिए प्रेरित करना है.


किसानों को अलग से निबंधन कराने की जरूरत नहीं
नीतीश कुमार ने कहा कि कृषि विभाग की साइट पर जो निबंधित किसान हैं, उन्हें स्वस्थ निबंधित मानकर खरीदारी के लिए योग्य समझा जाए. सहकारिता विभाग को किसानों का अलग से निबंधन करने की जरूरत नहीं है. अधिक से अधिक किसान अपनी फसल की अधिप्राप्ति करा सके और हम लोग अधिक से अधिक उपज की खरीद कर सकें. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में भंडारण की समुचित व्यवस्था रखें और धान की स्टोरेज के साथ ही साथ उनके रीसाइक्लिंग के लिए भी उचित व्यवस्था की जाए. किसानों की धान अधिप्राप्ति की अधिकतम सीमा को 200 क्विंटल से बढ़ाकर 250 क्विंटल किया जाए. साथ ही रैयत किसानों की धान अधिप्राप्ति की अधिकतम सीमा को 75 क्विंटल से बढ़ाकर 100 क्विंटल किया जाए.


दोषी पैक्स अध्यक्षों को मिले सजा 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जिन पैक्सों पर अनियमितता के आरोप हैं. उन पर एफआईआर दर्ज हुई है तो उसकी पूरी जांच होनी चाहिए और दोषी को सजा मिलनी चाहिए. सभी डीएम और एसपी के साथ इसकी समीक्षा कर लें. मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि जिन पैक्स अध्यक्षों ने बकाया राशि का भुगतान कर दिया है, उन्हें खरीदारी की इजाजत मिलनी चाहिए.



नवनिर्वाचित पैक्स अध्यक्ष को कार्य करने की इजाजत
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जिन पैक्स अध्यक्ष को पर अनियमितता के आरोप थे, वहां फिर से चुनाव हो गए हैं. अगर आरोपी पैक्स अध्यक्ष चुनाव में निर्वाचित नहीं हुआ है तो वहां निर्वाचित ने पैक्स अध्यक्ष को कार्य करने की इजाजत मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जो पैक्स फंक्शनल नहीं है, उसके बगल के पैक्स या व्यापार मंडल में सुविधा हो. डीएम अपने स्तर से आंकलन करा कर उस क्षेत्र के किसानों की धान खरीदारी सुनिश्चित कराएं.


डीएम और अधिकारी करें औचक निरीक्षण
उन्होंने कहा कि धान की खरीदारी करने वाले किसानों के खाते में निर्धारित समय सीमा के अंदर राशि अंतरित कराएं. जिलाधिकारी औचक निरीक्षण कर पैक्सों का विजिट करें और साथ ही किसानों से बात करें. उन्होंने कहा कि विभाग के वरीय पदाधिकारी भी जाकर औचक निरीक्षण करें.