MUZAFFARPUR: साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र से चर्चित भाजपा विधायक डॉ. राजू कुमार सिंह ने शुक्रवार को विशेष एमपी एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। जिसके बाद कोर्ट ने पारू थाने में दर्ज एक केस में जमानत दे दी जमानत के बाद राजू सिंह ने मीडिया से बातचीत की कहा कि मुझे फंसाया गया है। सरकार के ईशारे पर कार्रवाई हो रही है।
उन्होंने कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है। निश्चित रूप से न्याय मिलना था और न्यायालय से मुझे न्याय मिला है। मैंने कोई ऐसा काम गलत नहीं किया था कि न्याय ना मिले। सरकार गलत लोगों को बढ़ावा देती है। हमलोग गलत लोगों पर अंकुश लगाना चाहते हैं। मेरे साथ जो भी हुआ है गलत हुआ है। हमलोग न्याय में विश्वास रखने वाले हैं इसलिए न्यायपालिका से मुझे न्याय मिला है।
बीते शुक्रवार को जिस मामले में बीजेपी विधायक को विशेष एमपी एमएलए कोर्ट से जमानत मिली है उस मामले में स्थानीय पारु अंचल के तीनों और कर्मचारी के द्वारा संयुक्त रूप से यह आवेदन देकर केस दर्ज कराया गया था कि विधायक के द्वारा जाति सूचक शब्द कहा गया और प्रताड़ित किया गया इस मामले में पुलिस ने अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम की धारा सहित कई धाराओं में कांड दर्ज किया था।
कानूनी प्रक्रिया के बाद विधायक के अधिवक्ता के द्वारा जिलाधिकारी से अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के विरुद्ध दोनों पदाधिकारी के जाति का डिटेल मांगा गया था जिसमें डीएम के द्वारा पत्र के अनुसार यह कहा गया कि दोनों पदाधिकारी अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत नहीं आते हैं जिस ग्राउंड पर माननीय एमपी एमएलए कोर्ट से बीजेपी विधायक राजू सिंह को जमानत मिल गई।
जिले के चर्चित बीजेपी विधायक डॉ राजू कुमार सिंह राजू द्वारा विशेष एमपी एमएलए कोर्ट से जमानत मिलते ही सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सरकार के द्वारा ही स्थानीय प्रशासन को कह कर हमारे खिलाफ अनुचित कार्रवाई कराई जा रही थी लेकिन कहा जाता है कि सत्य का सूरज को असत्य का बादल कितना भी ढक दें लेकिन समय आने पर सत्य का सूरज दिखता ही है और माननीय न्यायालय पर हमें भरोसा था की न्याय मिलेगी हमने कानून से हटकर कोई काम नहीं किया इस कारण से जमानत मिल गई है।
वही बीजेपी विधायक के अधिवक्ता विनोद कुमार ने बताया कि पारू थाना के एक केस में जिसमें पारु के सीईओ के द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया गया था इस मामले में आज विधायक ने एमपी एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर जमानत ले ली है।
बता दें कि बीते सप्ताह राजद नेता तुलसी राय अपहरण कांड मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विधायक एवं उनके अन्य कुल छः लोगो के घर पर इश्तेहार का पाया था और यह कहा था कि समयानुसार अब घर की कुर्की की जाएगी अगर विधायक और उनके समर्थक न्यायालय या पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं करते हैं तो इस मामले में भी हाई कोर्ट के द्वारा बीजेपी विधायक को राहत देते हुए तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी।
ऐसे में कहा जा सकता है कि जिस मुकाम को पुलिस हासिल करना चाहती थी उस मुकाम पर न्यायालय के द्वारा रोक लगा दिया गया और अब बीजेपी इस मामले को लेकर नीतीश सरकार पर हमलावर हो गई है। कोर्ट से जमानत मिलते ही बीजेपी विधायक ने महागठबंधन की सरकार को पूरे मामले के लिए दोषी ठहराया है।