सरकार का सबसे बड़ा मुद्दा-विधानसभा में बोतलें किसने फेंकी: नीतीश एक्शन में हैं-फिंगर प्रिंट जांच,फोरेंसिक टीम लगी, उत्पाद लैब में भी पड़ताल

सरकार का सबसे बड़ा मुद्दा-विधानसभा में बोतलें किसने फेंकी: नीतीश एक्शन में हैं-फिंगर प्रिंट जांच,फोरेंसिक टीम लगी, उत्पाद लैब में भी पड़ताल

PATNA: आपने पूरी दुनिया में पुलिस और सरकार की ऐसी जांच नहीं सुनी होगी। शराब की खाली बोतलों से फिंगर प्रिंट उठाये जा रहे हैं। फोरेंसिक टीम उसकी जांच कर रही है। उत्पाद विभाग की प्रयोगशाला में खाली बोतल जाचें जा रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि शराब की इन बोतलों का किसी हत्या,लूट या अपहरण जैसी किसी आपराधिक वारदात से कोई संबंध है लेकिन बिहार की सरकार और पुलिस शराब की खाली बोतल का पोस्टमार्टम तक करके ये जानेगी कि बोतल की शराब को किसने पिया और फिर किसने उसे फेंका।


इसलिए हो रहा है ये ड्रामा

दरअसल बिहार विधानसभा के कैंपस में आज शराब की खाली बोतलें फेंकी हुई नजर आई। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को किसी ने इसकी जानकारी दी। तेजस्वी यादव मौके पर पहुंचे और फिर सीधा मुख्यमंत्री को दोषी करार दिया। तेजस्वी बोले कि नीतीश के चेंबर से 50 मीटर की दूरी पर शराब की बोतलें फेंकी हुई मिली है कसूरवार तो सीधे नीतीश हैं। तेजस्वी ने सदन के अंदर भी मामला उठाया और सीधे नीतीश कुमार को जिम्मेवार बताया। तेजस्वी ने कहा कि किसी के घर से शराब मिलने पर तो सरकार उस घर को जब्त कर लेती है क्या विधानसभा को भी सील कर दिया जायेगा। 


तेजस्वी के आरोपों से पहले तो सरकार ने पल्ला झाड़ने की कोशिश की। संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कह दिया कि विधानसभा कैंपस के मालिक को स्पीकर होते हैं सरकार नहीं। लेकिन नीतीश तिलमिलाये उन्होंने कहा कि ये तो बहुत गंभीर मामला है और वे ऐसा करने वालों को छोड़ेंगे नहीं। नीतीश कुमार ने कुछ ही मिनटों में बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव को विधानसभा के अपने चैंबर में तलब कर लिया। दोनों को फरमान जारी हुआ-हर हाल में शराब की खाली बोतल का राज पता लगाइये।


शराब की खाली बोतल की फोरेंसिक जांच

नीतीश कुमार का फरमान सुनकर बिहार के डीजीपी एसके सिंघल बाहर निकले तो मीडिया ने उन्हें रोका। पूछा-शराब की खाली बोतल पर क्या कार्रवाई की जा रही है। डीजीपी बोले-हम और मुख्य सचिव साहब यहां आये हैं। जहां पर शराब की खाली बोतलें मिली थीं उस स्थान को घेर कर बोतलों को जब्त कर लिया गया है। शराब की खाली बोतलों की फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में जांच करायी जा रही है। इसके अलावा उत्पाद विभाग की भी एक लैब यानि प्रयोगशाला है। वहां से भी शराब की खाली बोतलों की जांच करायी जायेगी। उत्पाद विभाग की लैब से भी संपर्क साधा गया है।


डीजीपी ने कहा कि उनकी पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच का रिजल्ट आएगा तो लोगों को बता दिया जायेगा कि ये क्या मामला है? डीजीपी ने बताया कि पुलिस ने उस जगह को देखा है जहां शराब की खाली बोतलें मिली हैं।वहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है लेकिन थोड़ी दूर पर सीसीटीवी कैमरे हैं। उनके फुटेज को देखा जायेगा। 


मुख्यमंत्री का फरमान सुनकर बाहर निकले बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने कहा है कि किसी मकसद से ही शराब की बोतलें यहां फेंकी गयी है। सरकार सारे पहलु की जांच करेगी। ये कोई सामान्य घटना तो है नहीं। हम इसकी पूरी जांच करायेंगे। 


विधानसभा से शराब की खाली बोतलों पर जब मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी और मुख्य सचिव पड़े हैं तो बिहार के मद्य निषेध मंत्री कैसे खामोश रहते। मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि जांच में सब पता चल जायेगा कि किसने शराब की बोतल फेंकी है। सरकार उसे छोड़ेगी नहीं।