PATNA : बिहार के स्वास्थ्य विभाग में जारी बदहाली पर रोक लगाने को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव द्वारा काफी सख्ती बरती जा रही है। इसी कड़ी में अब जो ताजा जानकारी प्राप्त हो रही है, उसके मुताबिक अब राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी दावा देने से मरीज को माना नहीं कर पाएंगे।
दरअसल, राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी स्वास्थ्य अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध करायी जाने वाली दवाओं को लेकर गंभीर रुख अपनाया है। अब स्वाथ्य विभाग ने अस्पतालों में चिकित्सकों के परामर्श के बाद दी जाने वाली मुफ्त दवा हर मरीज को मिले इसको लेकर नया निर्देश जारी किया है।
स्वास्थ विभाग ने फ्री ड्रग सर्विस इनिसेएटिव के तहत अस्पतालों में मरीजों के बीच वितरित होने वाली दवाओं की अब ऑनलाइन मॉनीटरिंग प्रतिदिन करने का निर्णय लिया है। इसको लेकर यह निर्देश दिया गया है कि अस्पतालों में भविष्य में दवाओं की होने वाली खपत का आकलन भी इ-औषधि पोर्टल पर दर्ज करना होगा। इस कार्य में लापरवाही होने पर संबंधित स्वास्थ्य पदाधिकारी, भंडार के इंचार्ज के साथ अन्य पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
वहीं, नये मानक के अनुसार अस्पातालों में इलाज करानेवाले ओपीडी के मरीजों को अब पांच दिनों की मुफ्त दवाएं दी जानी है। साथ ही अस्पतालों में भर्ती मरीजों को मुफ्त दवा दी जानी है और उनको डिस्चार्ज करने के बाद भी पांच दिनों की मुफ्त दवा दी जानी है।इसको लेकर विभाग द्वारा इस दिशा में नया निर्देश सभी जिलों को दिया गया है।