शराबबंदी वाले राज्य में नशे का तरीका बदला, बॉर्डर से गांजा की बड़ी खेप जब्त

शराबबंदी वाले राज्य में नशे का तरीका बदला, बॉर्डर से गांजा की बड़ी खेप जब्त

SUPAUL: बिहार में पूर्ण शराबबंदी है। प्रदेश में 2016 से ही शराब पूरी तरह से बंद है। यह बात अलग है कि चोरी छिपे लोग शराब पीते हैं और इसकी बिक्री करते हैं। विपक्षी पार्टियां आए दिन इस तरह का आरोप लगाती है। 5 दिनों के विधानसभा सत्र के दौरान छपरा शराबकांड मामला ही छाया रहा। विपक्षी पार्टी बीजेपी इसे लेकर नीतीश सरकार को घेरती दिखी। नीतीश सरकार से यह सवाल करती दिखी कि जब बिहार में शराबबंदी है तब छपरा में 75 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से कैसे हो गयी? 


बिहार में जब शराब बंद है तो फिर गांजा, स्मैक सहित सुखा नशा पर किसी तरह की पाबंदी क्यों नहीं है। बिहार में शराबबंदी नहीं बल्कि नशाबंदी होनी चाहिए। एक तरफ शराबबंदी को लेकर विधानसभा में विपक्ष सरकार को घेरने में लगा था तभी सुपौल में गांजे की तस्करी की जा रही थी। वो तो शुक्र है कि गांजा तस्कर को एसएसबी ने दबोच लिया नहीं तो गांजे की खेप कई इलाकों में सप्लाई कर दी जाती।


एसएसबी की 45वीं बटालियन ने कार्रवाई करते हुए 600 किलो गांजा के साथ एक नेपाली तस्कर को गिरफ्तार कर लिया और 1 करोड़ 20 लाख रुपये का गांजा जब्त किया गया। इंडो-नेपाल बॉर्डर के भीमनगर के पास सीमा पर तैनात SSB ने कार्रवाई की। 


एसएसबी के कमांडेंट आलोक कुमार ने बताया कि गांजा की खेप नेपाल के रास्ते बिहार आने की गुप्त सूचना उन्हें मिली थी जिसके आधार पर उन्होंने कार्रवाई की। इस दौरान 20 बोरी में बंद 600 किलो गांजा बरामद किया गया। एक नेपाली तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया। 


नेपाली तस्कर की पहचान रामचंद्र के रूप में हुई है जो नेपाल के भांटाभाड़ी का रहने वाला है। एसएसबी कमांडेंट आलोक कुमार ने बताया कि फिलहाल पटना नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को इसकी सूचना दी गयी। जिसके बाद बरामद गांजा और गिरफ्तार तस्कर को कानूनी कार्रवाई के लिए सुपुर्द कर दिया गया है।