संसद में आज पेश हो सकता है दिल्ली सेवा बिल, गृह मंत्री अमित शाह करेंगे पेश; फिर हंगामे के आसार

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 31 Jul 2023 06:59:20 AM IST

संसद में आज पेश हो सकता है दिल्ली सेवा बिल, गृह मंत्री अमित शाह करेंगे पेश; फिर हंगामे के आसार

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DELHI : संसद के मानसून सत्र के दौरान आज यानी 31 जुलाई काफी अहम दिन होने वाला है। आज संसद में दिल्ली सेवा बिल पेश किया जा सकता है। वहीं, आज से दिन के सत्र शुरू होने से पहले विपक्षी गठबंधन INDIA के नेता एक मीटिंग करेंगे। 20 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र के दौरान इस बार दो मुद्दे काफी अहम रहे हैं। पहला मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग और दूसरा दिल्ली अध्यादेश की जगह लाया जाने वाला विधेयक। 

दरअसल, दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधित दिल्ली सेवा बिल सोमवार यानी आज लोकसभा में पेश किया जा सकता है, क्योंकि लोकसभा सांसदों को इसे सर्कुलेट किया गया है।  इस बिल का नाम 'राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक' है।  हालांकि मोदी कैबिनेट इस बिल पर पहले ही मुहर लगा चुकी है।  जबकि, दिल्ली की आम आदमी पार्टी अध्यादेश का पूरजोर विरोध कर रही है।  केजरीवाल सरकार ने बिल के खिलाफ अन्य विपक्षी दलों से मदद मांगी है।  ऐसे में ससंद के दोनों सदनों में आज जोरदार हंगामे के आसार हैं।  


गौरतलब हो कि,  20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में अबतक मणिपुर हिंसा मुद्दा ही छाया रहा है। पीएम मोदी के बयान की मांग पर अड़े विपक्षी गठबंधन की ओर से संसद में अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया गया है, जिस पर चर्चा और वोटिंग होना बाकी है। इससे पहले अब आज  'राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक' संसद में पेश होना है।   


इधर, सोमवार को सदन के पटल पर अपनी रणनीति के बारे में चर्चा करने के लिए विपक्षी गठबंधन INDIA के नेता सुबह साढ़े नौ बजे विपक्ष के नेता यानी मल्लिकार्जुन खरगे के चेंबर में एक बैठक करेंगे। इस बैठक में हिंसा प्रभावित मणिपुर का दो दिवसीय दौरा करके आ चुके विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे नेता अपने गठबंधन साथियों को यात्रा की जानकारी देंगे। विपक्षी दल मानसून सत्र की शुरुआत से ही मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। वे प्रधानमंत्री  से चर्चा और जवाब की मांग कर रहे हैं।वहीं, बीजेपी का कहना है कि वह चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्षी दल ही इससे किनारा कर रहे हैं।