ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी बेतिया में मिनीगन फैक्ट्री का खुलासा, हथियार और उपकरण के साथ बाप-बेटा गिरफ्तार Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Aparajit Lohan : दुलारचंद हत्याकांड के बाद बदले गए नए ग्रामीण SP अपराजित कौन हैं ? इस खबर पढ़िए पटना के नए ग्रामीण एसपी की कहानी; आप भी जान जाएंगे क्या है काम करने का तरीका

संकट में उपेंद्र कुशवाहा और मंत्री अशोक चौधरी! सुनवाई के बाद हाइकेर्ट ने MLC मनोनयन का फैसला रखा सुरक्षित

1st Bihar Published by: Updated Tue, 14 Sep 2021 07:00:45 PM IST

संकट में उपेंद्र कुशवाहा और मंत्री अशोक चौधरी! सुनवाई के बाद हाइकेर्ट ने MLC मनोनयन का फैसला रखा सुरक्षित

- फ़ोटो

PATNA : नीतीश सरकार के दो मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इन नेताओं के अलावा अन्य 9 विधान पार्षदों की भी परेशानी बढ़ सकती है. पटना हाईकोर्ट ने इनके  मनोनयन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा है.


हाईकोर्ट के सीनियर वकील बसंत कुमार चौधरी की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की. राज्यपाल कोटे से मनोनीत किए गए 12 विधान पार्षदों में नीतीश सरकार के दो ख़ास मंत्री भवन निर्णाण मंत्री अशोक चौधरी और खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम के साथ ही जदूय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल हैं. इन तीनों नेताओं के अलावा डॉ राम वचन राय, संजय कुमार सिंह, ललन कुमार सर्राफ, डा राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, संजय सिंह, देवेश कुमार, प्रमोद कुमार, घनश्याम ठाकुर और निवेदिता सिंह का राज्यपाल के कोटे से मनोनयन किया गया है.


याचिकाकर्ता का कहना था कि भारत के संविधान के प्रावधानों के तहत साहित्य, कलाकार, वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता और सहकारिता आंदोलन से जुड़े हुए विशिष्ट लोगों का राज्यपाल कोटे से मनोनयन हो सकता है. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि एक सामाजिक कार्यकर्ता को काम का अनुभव, व्यवहारिक ज्ञान और विशिष्ट होना चाहिए. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि इन सब बातों को अनदेखा किया गया है.


बसंत कुमार चौधरी ने कोर्ट को बताया कि मनोनीत किए गए सदस्यों में कोई पार्टी का अधिकारी है, तो कोई कहीं का अध्यक्ष. जिन लोगों को मनोनीत किया गया है वे ना तो साहित्य की विधा से जुड़ें हैं और ना वैज्ञानिक और ना तो कलाकार हैं. यह संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है. ऐसा फैसला सभी मापदंडो को अनदेखा करते हुए लिया गया है.