PATNA : उत्तर प्रदेश में सरकार वापसी भारतीय जनता पार्टी के लिए नाक की लड़ाई बनी हुई है. बीजेपी हर हाल में यूपी के अंदर योगी सरकार की वापसी चाहती है. पार्टी इसके लिए सिटिंग विधायकों का टिकट भी काट रही है. लेकिन गठबंधन को लेकर भारतीय जनता पार्टी आज बेहद निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. यूपी में बीजेपी किन दलों के साथ गठबंधन करेगी इसको लेकर आज तस्वीर साफ हो जाएगी. भारतीय जनता पार्टी ने कुछ छोटे दलों को अपने साथ रखने का मन बनाया हुआ है. इन्हीं दलों में अनुप्रिया पटेल की अपना दल के साथ साथ बीजेपी संजय निषाद की पार्टी के साथ भी गठबंधन को फाइनल कर सकती है.
संजय निषाद के मुलाकात आज बीजेपी के केंद्रीय नेताओं के साथ होने की उम्मीद है. निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद राज दिल्ली पहुंच रहे हैं. उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के प्रदेश चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से सोनी लगभग तय है. इस मुलाकात के बाद ही निषाद पार्टी के एनडीए में शामिल होने और सीटों के तालमेल पर मुहर लगेगी. हालांकि संजय निषाद ने गठबंधन पर मुहर लगने से पहले ही 15 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. यह बात बीजेपी के केंद्रीय नेताओं को कितनी पसंद आएगी यह स्पष्ट हो जाएगा.
दरअसल, निषाद पार्टी के साथ गठबंधन के जरिए बीजेपी उत्तर प्रदेश में निषाद वोटरों को साधने की कोशिश करने वाली है. हालांकि बिहार में इसी समाज की राजनीति करने वाले मंत्री मुकेश साहनी भी यूपी में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. मिशन यूपी के लिए मुकेश सहनी लगातार अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं. मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी ने 165 सीटों पर चुनाव लड़ने का लक्ष्य रखा है. लेकिन जानकार बताते हैं कि मुकेश साहनी की नजर अभी भी संजय निषाद और बीजेपी के बीच होने वाले तालमेल पर टिकी हुई है.
अगर संजय निषाद की पार्टी का तालमेल बीजेपी से अटकता है तो ऐसी स्थिति में मुकेश साहनी की एंट्री हो सकती है. बीजेपी अगर निषाद पार्टी से सीटों पर बातचीत फाइनल नहीं कर पाई तो वैसी स्थिति में वह भी मुकेश सहनी को तवज्जो दे सकती है लेकिन इसकी उम्मीद बेहद कम है. ऐसी स्थिति में मुकेश सहनी अकेले अपने बूते ही यूपी में किस्मत आजमाएंगे. संजय निषाद और मुकेश साहनी के बीच में निषाद वोटों को लेकर भारी टकराव भी देखने को मिल रहा है.
ऐसे में ना केवल यूपी में आज बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी, बल्कि मुकेश सहनी का भविष्य भी स्पष्ट तौर पर नजर आने लगेगा. हालांकि वीआईपी पार्टी का स्पष्ट तौर पर कहना है कि वह हर हाल में यूपी चुनाव में उतरेगी और अगर बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं हुआ तो उसे एक कोई फर्क नहीं पड़ेगा. बिहार विधानसभा चुनाव में अंतिम दौर के अंदर महागठबंधन छोड़कर एनडीए में एडजस्ट होने वाले मुकेश सहनी राजनीतिक समीकरण साधने में माहिर माने जाते हैं. यही वजह है कि अंदर खाने यह चर्चा भी है कि वह समाजवादी पार्टी के साथ एडजस्ट हो सकते हैं. अब देखना होगा कि सहनी की नाव आगे किस तरफ बढ़ती है.