संजय जायसवाल का सरकार पर तंज, कहा - नीतीश हैं बुजुर्ग मुखिया, पीएफआई की गठजोड़ से बनी है सरकार, तेजस्वी पर भी सवाल

संजय जायसवाल का सरकार पर तंज, कहा - नीतीश हैं बुजुर्ग मुखिया, पीएफआई की गठजोड़ से बनी है सरकार, तेजस्वी पर भी सवाल

PATNA :  बिहार के दरभंगा के ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी  के रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रेम मोहन मिश्रा को सर तन से जुदा करने की धमकी मिली है। धमकी देने वाले शख्स ने बुधवार की शाम पत्र के जरिए प्रोफेसर को जान से मारने की दी है। धमकी देने वाले शख्य ने खुद का नाम आलम परवेज बताया है। धमकी देने वाला ने कहा है कि, एक काम आपको दिया जा रहा है, ये काम कर दिजीए अगर नहीं करेंगे तो आपका सर तन से जुदा कर दिया जाएगा, मेरे परिवार का भी यही हाल करने की बात कही गई है। जिसके बाद प्रोफेसर ने खुद के लिए सुरक्षा देने की मांग की है।वहीं, इस मामले को लेकर भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कई अन्य मामलों में भी सरकार पर सवाल उठया है। 


पीएफआई की सरकार 

यह जो सरकार बनी है पीएफआई की की गठजोड़ से बनी है। पीएफआई के कई लोग राजद में मतदाता के रूप में जुड़ें हुए हैं, वहीं जदयू में सरकारी अफसर के तौर पर जुड़ें हुए हैं। इसलिए यह सरकार इस तरह कि धमकी एक प्रोफेसर को दिया जाता है। लेकिन, भाजपा किसी भी हालत में इनके मंसूबों को पूरा नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि, हमलोग सरकार को चेतावनी देते हैं कि यदि इस तरह के बातों के बाद प्रोफ़ेसर को सुरक्षा दें, इसके साथ ही तुरंत उस अपराधी को गिरफ्तार करें जो इस तरह का संदेश दे रहा है। यह पूरा मामला बिहार में कानून वयवस्था खराब होने के कारण हो रहा है। 


पढ़े लिखें नहीं करते सवाल 

इसके आलावा उनसे जब यह सवाल किया गया कि बिहार के उपमुख्यमंत्री यह कहते हैं कि, भाजपा में अब रोजगार कि बातें नहीं होती है, यह सवाल विधानसभा सत्र में किया जायेगा तो इसपर जवाब देते हुए संजय जायसवाल ने कहा कि जरा पहले उनको कागज़ पढना चाहिए, सबसे बड़ी समस्या यह है कि जो लोग पढ़े - लिखें नहीं हैं, वो लोग कागज़ नहीं पढ़ते हैं। हमारे देश के पीएम क तरफ से 34 करोड़ लोगों को मुद्रा योजना के तहत रोजगार के अवसर दिया गया है। उनकी तरह कोई नियुक्ति पत्र घोटाला नहीं किया गया है।इसलिए पहले उनको यह समझना चाहिए की हमारे और उनके बिच तो विवाद होता रहेगा ,लेकिन इसमें बिहार के युवा को बर्बाद नहीं किया जाए।


बुजुर्ग मुखिया हैं नीतीश 

इसके आलावा संजय जायसवाल ने आदित्य ठाकरे के मुख्यमंत्री से मुलाक़ात को लेकर कहा कि, अब पहले तो नीतीश कुमार को समझना चाहिए की अब वो बिहार में एक डमी मुख्यमंत्री हैं, आज ठाकरे भी आते हैं तो तेजस्वी यादव से मिलते हैं। अब तेजस्वी मजबूरी में उनको ले जाते हैं कि नीतीश जी के पास ले जाते हैं।  यह तो वहीं बात हो गई की कोई भी मेहमान आता हो तो उसे घर के बूढ़े मुखिया के पास जो अकेले चुप - चाप पड़ा रहता है तो बस उसके पास आशीर्वाद लेने के लिए चला जाता है।


नीतीश की पुरानी आदत 

इसके आलावा कुढ़नी उपचुनाव को लेकर भी संजय जायसवाल ने कहा कि, जिनको जितना उछलना- कूदना हैं कूदने दीजिये इसका सही फैसला उस समय आएगा जब रिजल्ट भाजपा के पक्ष में आएगा। वहीं, मुख्यमंत्री के खुद प्रचार में जान को लेकर कहा कि, यह तो उनका शुरू से ही नियत रहा है कि खुद के पार्टी का सिर्फ प्रचार करे हैं, यह तो हमारे साथ जब सरकार थी तब भी करते थे। इसलिए इसमें कोई नई बात नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा असल चीज़ तो यह है कि इससे पहले जब राजद चुनाव लड़ी थी तो वो पेट दिखाते थे और पटना में घूमते थे, अब जब खुद कि पार्टी चुनाव लड़ रही है तो पूरा राजद को अपने साथ ले जायेंगे।