PATNA : राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के लिए भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त कर रहे हो, भले ही द्रौपदी मुर्मू दिल्ली में ललन सिंह के आवास पहुंचकर उनसे मुलाकात कर रही हो लेकिन इस सब के बावजूद बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के रिश्ते तल्ख होते जा रहे हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने इन दिनों नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पहले अग्निपथ योजना के दौरान उपद्रव और फिर बाद में शिक्षा की बदहाल स्थिति को लेकर संजय जायसवाल ने जिस तरह सुशासन पर सवाल उठाए हैं उसे लेकर जेडीयू तिलमिलाई हुई है।
संजय जायसवाल के बयान पर उपेंद्र कुशवाहा ने जब आपत्ति जताई तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने सोशल मीडिया के जरिए उपेंद्र कुशवाहा को नसीहत दे डाली। डॉ. संजय जायसवाल ने फेसबुक पोस्ट करते हुए लिखा था कि उपेंद्र कुशवाहा पहले बिहार में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन मुहैया कराने को लेकर आंदोलन कर रहे थे लेकिन बाद में यह आंदोलन तब खत्म हो गया जब नेता जी खुद सफल हो गए, हालांकि संजय जयसवाल ने अपने इस पोस्ट में कुशवाहा का नाम नहीं लिया था।
अब उपेंद्र कुशवाहा ने संजय जयसवाल के इस फेसबुक पोस्ट को कोर्ट करते हुए पलटवार किया है। उपेंद्र कुशवाहा और संजय जयसवाल इस तरह टकरा गए हैं कि अब कुशवाहा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को अनुकंपा पर मिली भूमिका की याद दिला रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है..'भाई जी, मेरे उस आंदोलन में आपको क्या ग़लत दिखा ? जहां तक मेरी भूमिका का सवाल है, सत्ताधारी दल के सदस्य की मर्यादा और विपक्ष के सदस्य के रूप में किसी व्यक्ति का क्या दायित्व होता है इसका ज्ञान तो संभवतः आपको होगा ही। अगर नहीं है तो आपको बहुत ट्रेनिंग की जरूरत है !
उपेंद्र कुशवाहा आगे लिखते हैं, 'रही बात मेरे सफल होने की, तो आपकी तरह मुझको राजनीति में अनुकंपा में कुछ नहीं मिला है। अगर ज्ञान न हो, तो मेरे राजनीतिक सफर के पन्नों को ही पलट कर देखवा लीजिए श्रीमान जी। मेरी जिस सफलता की बात आप कर रहें हैं न, उससे बड़ी-बड़ी कुर्सियों को त्यागकर यहां तक पहुंचे हैं, महोदय।