सम्राट का बड़ा दावा - 2015 के तरह कुढ़नी में होगी भाजपा की जीत, पहले अपनी ताकत दिखाएं JDU

सम्राट का बड़ा दावा  - 2015 के तरह कुढ़नी में होगी भाजपा की जीत, पहले अपनी ताकत दिखाएं JDU

PATNA  :  बिहार में कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं।  इसको लेकर सभी राजनीतिक दलों द्वारा जोरदार तैयारी की जा रही है। इस चुनाव को लेकर  राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन और मुख्य विरोधी दल भाजपा के तरफ से अपने प्रत्याशी के नाम का एलान भी कर दिया है। वहीं, इस बार यह सीट महागठबंधन में जदयू के खाते में गई है। इस सीट पर जदयू के तरफ से मनोज कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया गया है। जिसके बाद अब इसको लेकर भाजपा नेता और बिहार विधान परिषद् के नेता विपक्षी दल सम्राट चौधरी ने जोरदार हमला बोला है। 


भाजपा नेता ने कहा कि, बिहार में कुढ़नी सीट पर होने वाला चुनाव में अपार बहुमत से जीत्त हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम लोगों ने 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को हराया था, ठीक उसी तरह इस बार भी महागठबंधन चुनाव हारेगी। उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्याशी केदार गुप्ता बेहद नेक और ईमानदार छवि के नेता हैं वो जरूर मनोज कुशवाहा को मात देंगे। वहीं, नीतीश कुमार के कुढ़नी में चुनाव प्रचार में जाने को लेकर सम्राट ने कहा कि नीतीश  कुमार लव - कुश समीकरण को साधने में लगे हुए हैं , इस कारण वो वहां जाएंगे। लेकिन, इसके बाद भी कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है, क्यूंकि अब नीतीश कुमार के पास कोई वोट बैंक नहीं है। 


इसके आगे सम्राट चौधरी ने कहा कि, नीतीश कुमार को मोकामा उपचुनाव में आए परिणाम के बाद यह मालूम हो गया कि उनके पास मात्र 1000 लोगों का ही वोट है, इस कारण अब वो वापस से लव - कुश समीकरण के तरफ ध्यान देने में लगे हैं, इसी कारण उन्होंने कुढ़नी में कुशवाहा समाज से अपना प्रत्याशी चुना।  लेकिन, इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है क्यूंकि नीतीश कुमार के पास अब कुछ भी नहीं बचा है। 


इसके आलावा उन्होंने बीते रात मुकेश सहनी और ललन सिंह द्वारा भाजपा को लेकर दिए गए बयानों पर अपनी प्रतिकिरिया देते हुए कहा कि मुकेश सहनी को यह समझना चाहिए कि हमलोग संघ के विचारधारा से जरूर सहयोगी होते हैं, लेकिन जो बयान उनका आया है उससे यह साफ होता है कि वो महागठबंधन के लोगों के लिए काम कर रहे हैं। वहीं, ललन सिंह को लेकर इन्होने कहा कि पहले वो जनता दल यूनाइटेड की ताकत तो दिखाएं फिर भाजपा को देश से हटाने की सोचें। यदि उनमें ताकत है तो गुजरात में क्यों नहीं चुनाव लड़ने जा रहे है। उनको भी वहां मालूम चल जाएगा कि भाजपा क्या है।