PATNA: ब्रेन ट्यूमर में मस्तिष्क की कोशिकाओं और ऊतकों में धीरे-धीरे गांठ बनने लगती है। जिसे ट्यूमर कहा जाता है। जब यह मस्तिष्क के भीतर बनता है, तो उसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। यदि समय पर इसका इलाज न हो तो यह जानलेवा हो सकता है। वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे की पूर्व संध्या पर जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पटना के न्यूरो सर्जन डॉ.असुवि कुंजन ने यह बातें कहीं।
मीडिया से बातचीत करते हुए न्यूरो सर्जन डॉ. असुवि कुंजन ने बताया कि मौजूदा समय में ब्रेन ट्यूमर का कारगर और बेहतर इलाज उपलब्ध है लेकिन इसके लिए समय पर इलाज शुरू करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
मेदांता के न्यूरोसर्जन डॉ. असुवि कुंजन ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के लक्षण अगर दिखें तो डॉक्टर से मिलकर इसकी जांच तुरंत करवानी चाहिए। इसके लक्षणों में सिर में लगातार दर्द रहना, बार-बार मिर्गी के झटके आना, हाथ-पैर में कमजोरी महसूस करना, तनाव में आना, याददाशत कमजोर होना, चिड़चिड़ापन होना, कम सुनाई देना, बोलने में दिक्कत होना, आंखों की रोशनी जाना, बार-बार बेहोश हो जाना आदि शामिल हैं। इसके लक्षणों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के दो प्रकार होते हैं। इसमें पहला ब्रेन के ही टिश्यू से बनता है वहीं दूसरा कहीं और ट्यूमर होने के बाद ब्रेन में फैल जाता है। इस बीमारी का उपचार परीक्षण और लक्षणों की जांच के बाद पता चलता है। ब्रेन ट्यूमर का पता सिटी स्कैन, एमआरआई आदि जांच से लगाया जा सकता है। इन दिनों ब्रेन ट्यूमर का प्रारंभिक अवस्था में पता चलने पर संपूर्ण इलाज संभव हो गया है।
मेदांता के न्यूरोसर्जन डॉ. असुवि कुंजन बताते हैं कि सर्जरी, रेडियो थेरेपी और दवाओं से इस रोग का इलाज होता है। रोगी की स्थिति के अनुसार उपचार किया जाता है। वैसे तो ब्रेन ट्यूमर के लिए बेहतर और आधुनिक तकनीक आ गयी है जिससे इसका इलाज करना आसान हो गया है। मेदांता अस्पताल में इसके इलाज की सुविधा भी है।
डॉ. असुवि कुंजन कहते हैं कि जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पटना में ब्रेन ट्यूमर की जांच से लेकर इलाज तक की बेहतर व्यवस्था है। यहां सिटी स्कैन से लेकर एमआरआई जांच तक एक ही छत के नीचे मौजूद है। यहां इसका इलाज अनुभवी डॉक्टरों द्वारा आधुनिक तकनीक से किया जाता है।