PATNA: बिहार विधानमंडल का पूरा शीतकालीन सत्र शराब की भेंट चढ़ चुका है। शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन भी शराब को लेकर विपक्षी दल बीजेपी ने सदन के भीतर जोरदार हंगामा किया है। हंगामे के कारण स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने उनके संबंधी के ऊपर लगाइ गए आरोप का मामला सदन में उठाया। उन्होंने लखीसराय में शराब के मामले में गिरफ्तार हुए माफिया का पोस्टर सदन को दिखाते हुए उसे जेडीयू का नेता बताया।
विजय सिन्हा ने सदन में कहा कि उनकी अनुपस्थिति में आसन द्वारा उनके संबंधी के खिलाफ सरकार को जांच का निर्देश दिया गया है। विधानसभा में उस आदेश की प्रति को सदन के पटल पर रखा जाए। उन्होंने एफआईआर को झूठा बताते हुए कहा कि मामले में जो केस दर्ज किया गया है उसमें दूर दूर तक उनके संबंधी का नाम नहीं है। पुलिस ने जिस व्यक्ति को मामले में पकड़ा है वह जेडीयू का पोस्टर लगाकर घूमता है। गलत आरोप लगाने वाले लोगों को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी विधायक की विधायिका को बिना जांचे परखे आरोप लगाना गलत है और इसको विधानसभा की प्रोसिडिंग के हटाया जाए।
विजय सिन्हा ने स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को इस बात के लिए बधाई भी दी कि आजादी के बाद पहली बार 50 मिनट बोलने के क्रम में उन्हें 113 बार टोका गया और अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया गया। ऐसे शब्दों को प्रोसिडिंग से हटाया जाए क्योंकि ऐसे शब्द कही न कही सदन की गरीमा को धूमिल करता है। उधर, शराब से मरने वाले लोगों को मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर बीजेपी के सदस्य लगातार हंगामा करते रहे। जिसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।