PATNA : लोकतंत्र के मंदिर में आज मर्यादायें तार-तार हो गयीं. भरे सदन में मंत्री रामसूरत राय प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का 7 खानदान बताने की चुनौती देते रहे. मंत्री रामसूरत राय बांहें चढा कर गांधी मैदान में फरिया लेने की धमकी देते रहे औऱ पास में बैठे सीएम नीतीश कुमार औऱ उनके डिप्टी सीएम चुपचाप सुनते रहे. मंत्री की आक्रमता का आलम ये था कि वे विधानसभा अध्यक्ष की बात तक सुनने को तैयार नहीं थे. विधानसभा ने ऐसा नजारा शायद ही पहले कभी देखा होगा.
आऱोपों पर बौखलाये मंत्री रामसूरत राय
दरअसल मुजफ्फरपुर में मंत्री रामसूरत राय के भाई के स्वामित्व वाले एक स्कूल के कैंपस से भारी मात्रा में शराब बरामद हुआ था. विपक्ष इस मामले को कई दिनों से सदन में उठा रहा है. आज भी सदन में बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार शराब के आऱोप में गरीब-पिछडों को जेल भेज रही है औऱ रसूखदार खुले घूम रहे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि मंत्री के भाई की जमीन से शऱाब बरामद हुई, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी. लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई. मंत्री ने कहा कि उनका भाई से पिछले दस सालों से कोई संबंध नहीं है. लेकिन तस्वीरें हैं जिसमें मंत्री अपने भाई के साथ उसी स्कूल का उद्घाटन करते दिख रहे हैं जिसमें शराब बरामद हुई थी. तेजस्वी ने पूछा था कि जब सरकार ये कहती है कि जिस जमीन से शराब बरामद होगी उसे जब्त कर थाना खोला जायेगा तो फिर मंत्री के भाई की जमीन को जब्त कर थाना क्यों नहीं खोला गया.
भरी सदन में खानदान औऱ फरियाने की धमकी
तेजस्वी यादव के इन आरोपों के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने ये तय किया था कि मंत्री रामसूरत राय को भी सदन में अपना पक्ष रखने का मौका दिया जायेगा. सदन की कार्यवाही समाप्त होने के समय मंत्री रामसूरत राय को अपनी बात कहने का समय दिया गया. तेजस्वी यादव समेत पूरा विपक्ष सदन में ही मौजूद था. लेकिन मंत्री रामसूरत राय जब बोलने के उठ खड़े हुए तो उनके तेवर कुछ औऱ थे. बौखलाये मंत्री ने पहले अपने खानदान की खूबियां गिनानी शुरू की. उसके बाद उनके तेवर औऱ गर्म हुए. बौखलाये मंत्री ने प्रतिपक्ष के नेता का खानदान उकटना शुरू कर दिया.
भरे सदन में मंत्री ने कहा “मेरे खानदान को सदन में बैठे 50 परसेंट लोग जानते हैं. मेरे खानदान औऱ परिवार पर दाग लगाने वाले व्यक्ति को ये सोचना चाहिये कि मेरा खानदान कैसा है औऱ आपका खानदान कैसा है. मैं 7 खानदान का हिस्ट्री रख दूंगा.” मंत्री रामसूरत राय भरे सदन में प्रतिपक्ष के नेता का खानदान बता रहे थे औऱ सत्ता पक्ष के कई विधायक पूरे जोश में उनका समर्थन करने में लगे थे. सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार औऱ उनके डिप्टी सीएम मौजूद थे. लेकिन वे खामोश बैठे थे.
गांधी मैदान में फरिया लेने की धमकी
मंत्री रामसूरत राय नहीं रूके. सदन में वे बोलते रहे “अगर ताकत है तो गांधी मैदान के फील्ड में फरियाने का काम कीजिये. मैं ताकत के साथ कहता हूं कि ऐसा कोई मजाल नहीं है कि पटना में कोई मुझे हिला सकता है. इनकी अगर रिश्तेदारी है तो मेरा भी यहां सौ-सौ रिश्तेदारी है. हजारों परिवार मुझे मानने वाला है.”
मंत्री का तेवर देख कर विधानसभा अध्यक्ष भी हैरत में थे. वे बार-बार मंत्री को स्थिर होने कह रहे थे. मंत्री रामसूरत राय विधानसभा अध्यक्ष का भी नोटिस लेने को तैयार नहीं थे. विधानसभा अध्यक्ष को कई दफे मंत्री को शांत होने को कहना पड़ा. विधानसभा अध्यक्ष कहते रहे कि मंत्री मर्यादित तरीके से बात को रखे. लेकिन मंत्री के तेवर अलग ही थे.
मंत्री की धमकी के बाद सदन का माहौल बेहद गर्म हो गया था. विपक्ष के विधायक वेल में आ चुके थे. हालत ये हुई कि मंत्री का बयान पूरा हुए बगैर ही सदन की कार्यवाही स्थगित कर देनी पड़ी. लेकिन इन सबके बीच लोकतंत्र तार-तार हो चुका था.