DESK: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (AIMIM) ने मोदी सरकार पर मुसलमानों की जनसंख्या को लेकर हिन्दूओं में भ्रम फैलाने को लेकर हमला बोला है। AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि दर गिर गई है। लेकिन मोदी सरकार हिन्दुओं में यह डर फैला रही हैं कि जल्द ही मुसलमान अल्पसंख्यक से बहुसंख्यक हो जाएंगे। ओवैसी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुसलमानों की जन्मदर की बात करके सिर्फ डर फैलाने का काम कर रहे हैं।
जबकि हकीकत यह है कि भारत में सबसे ज्यादा मुसलमान कॉन्डोम का इस्तेमाल करता है। ऐसे में जन्मदर बढ़ने की बात करना गलत है। मुसलमानों में प्रजनन दर पहले की अपेक्षा कम हुई है। मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ नहीं रही है बल्कि घट रही है। बीजेपी नफरत की दीवार खड़ा कर रहा है। ओवैसी ने कहा कि लोगों में आखिर इस तरह की बातें क्यों फैलाई जा रही है कि मुसलमान ज्यादा बच्चा पैदा करता है जबकि मुझे यह बात कहने में शर्म नहीं है कि मुसलमान सबसे ज्यादा कॉन्डोम उपयोग करता है। सरकारी आंकड़ों में भी इस बात का जिक्र है कि मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि दर गिर गई है।
ओवैसी ने कहा कि एक मुल्क का वजीर-ए-आजम इस मुल्क की 15 फीसद आवाम को घुसपैठी कहता है इससे शर्मनाक बात कुछ और नहीं हो सकती। फिर उसके बाद कहते हैं मुसलमान ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं। ओवैसी मंच से लोगों से पूछा कि क्या आप ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के छह भाई है, अमित शाह की छह बहने है, आरएसएस के सर संचालक के 11 भाई बहन है। लेकिन मुस्लिम बेटियों और बहनों का फर्टिलिटी रेट गिरा है यकीनन गिरा है लेकिन ये कहते हैं कि ज्यादा बच्चा पैदा कर रहे है। बीजेपी आरएसएस ऐसा क्यों बोल रही है?
ओवैसी ने आगे कहा कि राजस्थान में एक रैली को संबोधित करते हुए पिछले सप्ताह मोदी जी ने कहा था कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि वे माता बहनों का सोना और मंगलसूत्र तक ले लेंगे और उनकी संपत्ति को उन लोगों में बांट देंगे जो ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं। इस दौरान मुसलमानों का नाम लेते हुए पीएम मोदी ने कहा था जब कांग्रेस की सरकार देश में थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री रहते यह कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है।