PATNA : इंडिगो के एयरपोर्ट स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या पटना पुलिस ही नहीं बल्कि बिहार सरकार के लिए भी गले की हड्डी बन चुका है। इस हाईप्रोफाइल मर्डर केस के बाद हर तरफ रूपेश की ही चर्चा हो रही है। पटना एयरपोर्ट पर वीवीआईपी के लिए अपना बन चुके रूपेश कुमार सिंह में सबका नजदीकी बन जाने की काबिलियत थी।
रूपेश आखिर ऐसी कौन सी कला जानते थे कि उन्होंने राजनेताओं से लेकर ब्यूरोक्रेट्स और सेलिब्रिटी तक को हमेशा खुश रखा। ड्यूटी इंडिगो के स्टेशन मैनेजर की थी लेकिन किसी भी फ्लाइट से पटना आने जाने वाले वीआईपी यात्रियों के लिए रूपेश ही सबकुछ थे। पटना एयरपोर्ट पर एंट्री के साथ हर वीआईपी एक बार रूपेश से मिलना चाहता था। रुपेश को जैसे ही उनकी नजरें तलाशती सामने वह मौजूद होते थे। किसी के फैमिली की बोर्डिंग करानी हो या फिर सीट का एडजस्टमेंट या एयरपोर्ट पर अन्य तरह की मदद सभी के लिए रूपेश हर वक्त मौजूद रहे।
खुश रखने की कला जानते थे
माना जाए तो एविएशन सेक्टर में एयरपोर्ट स्टेशन मैनेजर की भूमिका बेहद सीमित होती है। स्टेशन मैनेजर अपनी कंपनी की सेवाओं तक की खुद को सीमित रखता है लेकिन रुपेश के साथ ऐसा नहीं था। इंडिगो के साथ-साथ अन्य विमान कंपनियों से आने वाले यात्री भी रुपेश के टच में रहा करते थे। पटना एयरपोर्ट से सफर करने वाले राजनेता, ब्यूरोक्रेट, सेलिब्रिटी और हाईप्रोफाइल लोग रुपेश के संपर्क में रहे। उन्हें जब भी जरूरत पड़ी बेहिचक रूपेश को फोन मिलाया और रुपेश का कद भी इतना बड़ा हो चुका था कि वीवीआईपी भी एक रिंग पर उनका फोन उठाते थे।
सत्ता पक्ष हो या विपक्ष हर दल के राजनेता से रूपेश की नज़दीकियां थीं। ऐसे में उनकी हत्या के बाद यह सवाल भी चर्चा का विषय है कि आखिर रूपेश ऐसी कौन सी 'कला' जानते थे जिसकी वजह से उन्होंने सबको खुश रखा। रुपेश बेहद मिलनसार थे लेकिन अपनी कंपनी को लेकर उनकी सीमाएं थीं। इसके बावजूद उन्होंने वीवीआईपी लोगों से व्यक्तिगत संबंध बनाए। पुलिस की जांच में यह भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है।
राजनीति में आने की महत्वाकांक्षा
बड़े लोगों की सोहबत में रहना रूपेश को पसंद था। नए लोगों से कांटेक्ट बनाना उनकी हॉबी थी। पटना की जमीन पर हवाई सफर कर जिस वीआईपी ने कदम रखा रुपेश उनके संपर्क में आए। उनके सोशल मीडिया अकाउंट से भी इस बात का अंदाजा लगता है कि रूपेश को बड़े चेहरों के साथ रहने में कितना मजा आता था और यही वजह थी कि रूपेश हाई प्रोफाइल सर्किल में अपनी साख मिटाने के लिए दिन रात उपलब्ध रहते थे। दोस्तों के लिए आधी रात के वक्त भी हर मुसीबत का हल निकालना रुपेश के जीवन का हिस्सा बन चुका था।
पटना के हाई प्रोफाइल जोन में पकड़ बनाने के साथ-साथ रूपेश अपने गृह जिले और गांव में भी सक्रिय थे। सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेना मुश्किल घड़ी में गांव के लोगों के बीच मदद पहुंचाना भी रूपेश जानते थे। उनके जिले से जुड़े लोगों का मानना है कि रुपए भविष्य में राजनीति का रुख करने वाले थे। सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहने वाले रूपेश मढ़ौरा चुनाव लड़ना चाहते थे और यही वजह थी कि जब भी मौका मिलता था वह अपने गांव और छपरा के आसपास के गांव में सामाजिक कार्यों में शामिल होते थे। रूपेश विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्होंने राजनीति में एंट्री का वक्त अभी तय नहीं किया था।
वीवीआईपी के फेवरेट
रूपेश को जानने वाले बताते हैं कि उन्होंने अपनी सर्विस के दौरान लंबा वक्त पटना एयरपोर्ट पर ड्यूटी करते ही बिताया थोड़े दिनों के लिए उनकी पोस्टिंग कोलकाता हुई थी लेकिन वह वापस से पटना आ गए थे. पटना में राजनेताओं के साथ-साथ ब्यूरोक्रेसी में भी उनकी जबरदस्त पहचान थी. रुपेश के सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर डालें तो मालूम पड़ता है कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी लोगों के साथ भी मजबूत व्यक्तिगत संबंध रखते थे. पिछले दिनों नीतीश कुमार एक करीबी की बेटी की शादी में भी रूपेश शामिल हुए थे. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत के साथ उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। केंद्रीय मंत्री से लेकर बॉलीवुड इंडस्ट्री के बड़े चेहरे भी एक रिंग होने पर रूपेश का फोन पिक करते थे. मनोज बाजपेई, मनोज तिवारी, रवि किशन, पंकज त्रिपाठी, मनीषा कोइराला जैसे सेलिब्रिटी से रुपेश सीधे संपर्क में रहा करते थे. बिहार के कई बड़े अधिकारियों के लिए भी रूपेश बेहद खास थे यही वजह है कि उनकी मौत के बाद राजनीतिक गलियारे से लेकर ब्यूरोक्रेसी कॉर्नर में भी लगातार लोग इस मर्डर केस के बारे में अपडेट ले रहे हैं. रुपेश अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उन्होंने जितने कम वक्त में अपनी पहचान बनाई और वह जिस तरह सब के बीच लोकप्रिय हुए यह बताता है कि व्यक्तिगत जीवन में उनकी महत्वाकांक्षा बड़ी थी.