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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 16 Feb 2024 07:28:15 AM IST
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DESK : भारतीय जनता पार्टी के विजयी रथ को रकोने के इरादे से तैयार इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस को लगातार झटके लग रहे हैं। इस गठबंधन से किनारा करने वाली पार्टियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नीतीश के बाद अब नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी इंडिया गठबंधन से दूरी बनाते हुए अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस वर्ष 2004 से यूपीए और बाद में इंडिया गठबंधन का अहम हिस्सा रही है।
दरसअल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर जब पटना में इंडिया गठबंधन को बनाया गया था, उस वक्त गठबंधन में सिर्फ 16 पार्टियां थी। इसके बाद विपक्षी पार्टियों का गठबंधन पर भरोसा बढ़ा और दूसरी बैठक में यह संख्या 26 और मुंबई बैठक तक 28 तक पहुंच गई। पर गठबंधन की सफलता घटकदलों के बीच सीट बंटवारे से जुड़े समझौते पर टिकी थी।
वहीं, इंडिया गठबंधन की 31 अगस्त और एक सितंबर को हुई मुंबई बैठक में सीट बंटवारे पर चर्चा हुई और इसे जल्द अंजाम देने का फैसला किया गया। पर पांच राज्यों के चुनाव में व्यस्त होने की वजह से कांग्रेस सीट बंटवारे के लिए वक्त नहीं दे पाई। यहीं से घटकदलों में नाराजगी शुरू हुई। इसके बाद 19 दिसंबर को दिल्ली में हुई बैठक में कई दलों ने कांग्रेस के रवैये पर ऐतराज जताया।
ऐसा कहा जाता है कि कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों से अधिक सीट की मांग की। क्षेत्रीय दल इस पर तैयार नहीं हुए और सीट बंटवारे पर बात नहीं बन पाई। इससे नाराज तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल भी इंडिया को छोड़कर एनडीए में शामिल हो गया। वहीं, सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और आप उलझ गई और आप ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। आप ने दिल्ली और हरियाणा में सीट बंटवारे को लेकर विलंब पर भी कांग्रेस से नाराजगी जताई है।
उधर, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के अकेले चुनाव लड़ने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। कश्मीर घाटी की तीनों सीट उनके पास हैं। ऐसे में गठबंधन में उन्हें एक सीट दूसरे दल को छोड़नी पड़ती। कोई क्षेत्रीय दल अपनी सीट छोड़ना नहीं चाहता। इसलिए, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन से किनारा किया है। जम्मू, उधमपुर और लद्दाख सीट भाजपा के पास है। ऐसे में कांग्रेस के लिए इन सभी सीट पर अपने उम्मीदवार उतारना आसान हो गया।