PATNA : मिलेट मैन के नाम से ख्यात पद्मश्री डाॅ. खादिर वली ने कहा कि मिलेट्स स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद आहार है। खान पान हमारी बीमारियों की जड़ हैं। उचित आहार का उपयोग कर हम बीमारियों से बचाव कर सकते हैं। मैं आपकी रसोई में वैद्य बैठाने की मुहिम में निकला हूँ ताकि आपको बार - बार डाॅक्टर के पास जाने की जरूरत न पड़े।
डाॅ खादिर वली ने रवीन्द्र भवन में आयोजित मिलेट्स महोत्सव के दूसरे दिन उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। इसका आयोजन पूर्व सांसद आर के सिन्हा के ट्रस्ट ने किया है। इस दौरान डाॅ खादिर ने कहा कि बाजार ने हमारा किचन बिगाड़ दिया है और स्वाद ने शरीर। जानते समझते हुए भी फास्ट फूड खाकर हम बीमार हो रहे हैं और जीवन भर की कमाई डाॅक्टरों को सौंप कर कंगाल हो रहे हैं। हमें आनेवाली पीढ़ियों की जिन्दगी सुरक्षित बनाने के लिए मिलेट्स को अपने भोजन में अपनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि खेती का उद्देश्य खाने के लिए होना चाहिए, बेचने के लिए नहीं। शरीर स्वस्थ रहेगा तो किसी भी उपाय से पैसा कमाया जा सकता है लेकिन शरीर खराब रहेगा तो संसार का सारा ऐश्वर्य धरा का धरा रह जाएगा। इसलिए किसानों को अपनी सोच बदलनी होगी। मिलेट्स की खेती के लिए आगे आना होगा। मिलेट्स का रकबा बढ़ाना होगा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि देश को निरोग डाॅक्टर नहीं किसान बना सकते हैं। डाॅक्टर बीमारियों को दवा देकर दबा देते हैं जबकि मिलेट्स बीमारियों को जड़ से समाप्त कर देता है।इसीलिए हमारे प्रधानमंत्री श्री अन्न को बढ़ावा देने की वकालत करते हैं। देश स्वस्थ बनेगा तो समाज खुशहाल बनेगा।
उन्होंने कहा कि वर्षों से हमारे किसान भाई धान और गेहूं की खेती करते रहे हैं। इसमें पानी की खपत ज्यादा होती है। नतीजा यह है कि पानी पाताल में जा रहा है। कई जगह जल संकट या कहें कि सूखे के हालात बनते जा रहे हैं। मिलेट्स की खेती में पानी की खपत कम होती है और उपज भी अधिक होती है। किसानों ने बीज की कमी का सवाल उठाया तो सभागार में उपस्थित बिहार के कृषि सचिव डाॅ संजय अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार मिलेट्स की डेढ़ लाख एकड़ खेती के लिए मुफ्त बीज सुलभ करा रही है और प्रति एकड़ 5 हजार रुपये का अनुदान दे रही है। उन्होंने कहा कि बिहार का कृषि विज्ञान केंद्र मिलेट्स की खेती में मददगार बनेगा।
इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन करते हुए पूर्व सांसद और अवसर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ आर के सिन्हा ने बताया कि मिलेट्स की खेती के लिए हर तरह की जमीन उपजाऊ होती है। उन्होंने कहा कि मिलेट्स की उत्पादकता बढ़ाने के लिए उसकी तीन बार 21 दिन, 42 दिन और 63 दिन पर छंटाई करनी जरूरी है। उपस्थित किसानों के यह पूछने पर कि मिलेट्स की खरीद के लिए बाजार उपलब्ध नहीं है, सिन्हा ने अवसर ट्रस्ट का मोबाइल नंबर 9999971712 जारी करते हुए कहा कि मिलेट्स की जितनी भी पैदावार होगी, आद्या ऑर्गेनिक उसकी खरीद करेगा।
इससे पूर्व डाॅ सरला बैंगलोर ने अपने उद्बोधन में कहा कि अलग - अलग मिलेट्स के अलग - अलग फायदे हैं। उन्होंने बताया कि सप्ताह के सातों दिन अलग - अलग मिलेट्स का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है क्योंकि शरीर को हर तरह के पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। कोदो मिलेट शरीर के खून को साफ रखता है तो कंगनी मिलेट फेफड़े को मजबूत बनाता है। उन्होंने कहा कि मिलेट्स सिर्फ बीमार लोगों का भोजन नहीं है।
डाॅ सरला ने बताया कि मिलेट्स को पकाने के पहले कम से कम 6 से 8 घंटे पानी में भिगो लेना चाहिए ताकि उससे बना खाद्य पदार्थ सुपाच्य हो सके। सिर्फ दलिया को 4 घंटे भिगो कर पकाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि जिस पानी में मिलेट्स को भिगोया जाता है, उसे पकाने के लिए उसी पानी का उपयोग उसकी पौष्टिकता को बरकरार रखता है। उन्होंने बताया कि मिलेट्स से चावल, रोट, पूरी, पराठा, इडली, डोसा आदि हर प्रकार का पकवान बनाया और खाया जाता है।
डाॅ सरला ने अमली की विशेषता बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य के लिए अमली अमृत के समान है। छह हफ्ते अमली के सेवन से ब्लड शुगर कंट्रोल होने लगता है। अवसर ट्रस्ट द्वारा आयोजित मिलेट्स महोत्सव को बिहार का कृषि विभाग, एस आई एस ग्रुप, ए सी एफ एल, आद्या ऑर्गेनिक, इंडियन पब्लिक स्कूल, देहरादून और संगत - पंगत ने सहयोग प्रदान किया है। मंच संचालन अवसर ट्रस्ट के सीईओ अनुरंजन श्रीवास्तव ने किया।