MUZAFFARPUR: बिहार में आगामी कुछ दिनों में कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। इसको लेकर सभी राजनीतिक दलों द्वारा आरोप- प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है। वैसे तो यहां मुख्य रूप से भाजपा और जदयू के बिच की लड़ाई बताई जा रही है। लेकिन, इस चुनाव में मैदान में उतरे छोटी पार्टी भी काफी हदतक इन दोनों के वोट में सेंधमारी कर सकती है। इसी कारण अभी राजनितिक दलों द्वारा एक दूसरे पर आरोप भी लगाया जा रहा है। इसी कड़ी में बिहार की राजनीतिक गलियारों में शुरू हुआ बंगला पॉलटिक्स को लेकर अब विकासशील इंसान पार्टी के सुप्रीमों द्वारा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर बड़ा बयान दिया गया है।
दरअसल, सरकारी आवास को लेकर शुरू हुए विवाद में अब भाजपा और मुकेश सहनी आमने सामने आ गए हैं। मुकेश सहनी ने मुजफ्फरपुर में मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा एक अतिपिछड़ा के बेटे को प्रताड़ित कर रही है। उन्होंने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी खुद को भारत कि सबसे बड़ी पार्टी कहती है , लेकिन इसके बाबजूद इस पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष इस तरह कि बात कर रहे हैं, जेसे वो कोई सड़क छाप गुंडा हो। वो खोखा, पैसा, गुर्गा जेसे शब्दों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे यह मालूम होता है कि वो एक रोड छाप गुंडा हो। उनकी यह हालत देखकर मुझे लगता है कि उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। उनको इलाज कि जरूरत है।
सहनी ने कहा कि, देश कि इतनी बड़ी पार्टी के नेता इस तरह के शब्दों का उपयोग करेंगे मुझे भरोसा नहीं हो रहा है। सहनी ने कहा कि यह सरकार को सोचना है कि मुझसे बंगला क्यों नहीं खाली करवाया जा रहा है। हकीकत यह है कि, हम अभी 30 गुणा दंड देकर उस बंगला में रह रहे हैं। लेकिन, भाजपा के लोग को यह पसंद नहीं की कोई अतिपिछड़ा का बेटा सफल हो।
उन्होंने कहा कि, भाजपा का शुरू से यह निति रही है है कि जो उसके साथ है वह सही है। जैसे सी कोई उनसे दूर होता है उसके ऊपर आरोप लगाना शुरू कर देते हैं और बंगला खाली करवाने के पीछे लग जाते हैं। इसका उदाहरण चिराग पासवान से समझा जा सकता है। अब यही चीज़ हमारे साथ करना कहते हैं। लेकिन, मेरा यही कहना है कि आज न कल तो बंगला खाली करना ही है, ऐसे में इसके बारे में क्या सोचना। मेरा कहना है मेरा आवास बिहार की जनता और हमारे समाज के दिल में हैं यही मेरे लिए सबकुछ है।
इसके आलावा साहनी ने कुढ़नी उपचुनाव को लेकर कहा कि, हमारी कोशिश चुनाव जितना है, कौन क्या बोल रहा है यह सोचना अन्य दलों का काम हैं, इसको लेकर हम अधिक विचार नहीं करते हैं। रही बात मेरे द्वारा अगल समाज को टिकट देने का तो अन्य कोई पार्टी क्यों नहीं निषाद समाज से आने वाले किसी नेता को यहां टिकट दी। हम तो हर उस दल का समर्थन करने को तैयार थे जिसके द्वारा निषाद को टिकट देने का सोचा जा रहा था। इसलिए यदि अब हम चुनाव में हैं तो जीत हासिल करने के लिए हैं।