PATNA : सड़क दुर्घटना के मामलों में राज्य सरकार की तरफ से दिए जाने वाले मुआवजे को लेकर नीति में बदलाव के मसले पर आज विधानसभा में जमकर शोर शराबा हुआ. दरअसल प्रश्नोत्तर काल में इस मामले को बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने उठाया था. विधायक का कहना था कि सड़क दुर्घटना के मामलों में व्यक्ति की पहचान सही तरीके से नहीं हो पाने और सामूहिक मौत नहीं होने के मामले में लोगों को मुआवजे का लाभ नहीं मिल पाता है.
इस मामले पर राज्य सरकार की तरफ से आपदा प्रबंधन मंत्री और डिप्टी सीएम रेणु देवी ने सदन में जवाब दिया. रेणु देवी ने कहा कि राज्य सरकार सड़क दुर्घटना के मामलों में सामूहिक मौत की घटना पर ही मुआवजा देने की नीति रखती है. डिप्टी सीएम रेणु देवी के इस जवाब दो के बाद सदन में कई विधायकों ने यह मांग रखी कि सरकार सड़क दुर्घटना के मामलों में मुआवजा नीति के अंदर बदलाव करें.
विधायकों का कहना था कि एक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मौत होने पर उसे मुआवजा नहीं मिलता है, यह मानवीय पहलू है. सरकार को इस नीति में बदलाव करने की जरूरत है. सड़क दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति के परिजनों को मुआवजे की राशि मिले यह सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए. इसकी मांग सदन में आरजेडी विधायक के चंद्रशेखर के साथ-साथ बीजेपी विधायक संजय सरावगी समेत अन्य सदस्यों ने की. काफी देर तक सदन में इस मसले पर हंगामा होता रहा. डिप्टी सीएम ने कहा कि वह सड़क दुर्घटना के मामलों में त्वरित मुआवजा मिले इसके लिए गाइडलाइन जारी करेंगे. सभी 1 महीने के अंदर मामले को निष्पादित किया जाएगा. विधायकों का विरोध देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने और नीति पर पुनर्विचार करने के लिए कहा सरकार ने भी सदन में भरोसा दिया कि वह सड़क दुर्घटना के मामलों में मुआवजा नीति को लेकर एक बार फिर से पूर्ण समीक्षा करेगी.