PATNA : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेती भी बाजार के हवाले कर कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने की कोशिश में लगे हैं. रालोसपा ने राज्यव्यापी किसान चौपाल के बीसवें दिन किसानों को कृषि कानूनों की खामियों को उजागर किया. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक और प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता धीरज सिंह कुशवाहा ने पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को यह जानकारी दी. पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुशवाहा, प्रधान महासचिव निर्मल कुशवाहा, महासचिव वीरेंद्र प्रसाद दांगी, राजदेव सिंह, कार्यालय प्रभारी अशोक कुशवाहा और प्रदेश सचिव राजेश सिंह भी इस मौके पर मौजूद थे.
रालोसपा नेताओं ने कहा कि सरकार, कृषि सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के नाम पर कृषि व्यवस्था को एग्रो-बिजनेस के क्षेत्र में काम कर रही निजी कंपनियों के हवाले करने जा रही है. 1991 में हुए उदारीकरण का नतीजा है कि 30 साल में लाखों किसान आत्महत्या कर चुके हैं. अब अगर ये कानून लागू हुए तो खेती पूरी तरह से तबाह हो जाएगी. सरकार जिसे किसानों की मुक्ति का मार्ग बता रही है, दरअसल वही उनके लिये डेथ वारंट है.
रालोसपा ने कहा कि केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव, द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स ऐक्ट (प्रमोशन एंड फेसिलिएशन), (एफपीटीसी) और एफएपीएएफएस (फार्मर एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्युरेंस एंड फार्म सर्विसेज कानून बना कर किसानों को बंधक बनाने की साजिश रची है.