ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Politics: अनंत बाबू को विजयी बनाइए....मोकामा की धरती से ललन सिंह ने कर दिया एलान Bihar Crime News: बिहार में रेल पार्सल से शराब की तस्करी, पुलिस ने बड़ी खेप को किया जब्त BIHAR NEWS : शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही, लाखों की आयरन-फोलिक एसिड की दवाइयाँ बर्बाद; DEO ने दिए यह आदेश Bihar Medical Colleges: बिहार के छात्रों के लिए सुनहरा मौका, अब इतने MBBS सीटों पर होगा नामांकन; जानें... Bihar Election 2025: बीजेपी बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों में दिखाएगी पीएम मोदी की फिल्म, शुरू हुआ 'सेवा रथ' अभियान Bihar Election 2025: बीजेपी बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों में दिखाएगी पीएम मोदी की फिल्म, शुरू हुआ 'सेवा रथ' अभियान Tejashwi Yadav : ‘बिहार अधिकार यात्रा’ पर तेजस्वी यादव, 5 दिनों तक इन जिलों का करेंगे दौरा Bihar News: रियल स्टेट हॉटस्पॉट बनकर उभर रहे बिहार के ये शहर, समय रहते निवेश करने वालों को भविष्य में भरपूर लाभ Bihar News: साइबर क्राइम की जांच पड़ गई उलटी, पुलिस ने ही छात्रा की पहचान को कर दिया उजागर Online Betting Case: युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा को ED का समन, पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया

RLSP नेताओं ने कृषि कानूनों को बताया डेथ वारंट, बोले.. किसानों को तबाह करना चाहती है सरकार

1st Bihar Published by: Updated Sat, 20 Feb 2021 03:30:54 PM IST

RLSP नेताओं ने कृषि कानूनों को बताया डेथ वारंट, बोले.. किसानों को तबाह करना चाहती है सरकार

- फ़ोटो

PATNA : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेती भी बाजार के हवाले कर कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने की कोशिश में लगे हैं. रालोसपा ने राज्यव्यापी किसान चौपाल के बीसवें दिन किसानों को कृषि कानूनों की खामियों को उजागर किया. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक और प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता धीरज सिंह कुशवाहा ने पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को यह जानकारी दी. पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुशवाहा, प्रधान महासचिव निर्मल कुशवाहा, महासचिव वीरेंद्र प्रसाद दांगी, राजदेव सिंह, कार्यालय प्रभारी अशोक कुशवाहा और प्रदेश सचिव राजेश सिंह भी इस मौके पर मौजूद थे.


रालोसपा नेताओं ने कहा कि सरकार, कृषि सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के नाम पर कृषि व्यवस्था को एग्रो-बिजनेस के क्षेत्र में काम कर रही निजी कंपनियों के हवाले करने जा रही है. 1991 में हुए उदारीकरण का नतीजा है कि 30 साल में लाखों किसान आत्महत्या कर चुके हैं. अब अगर ये कानून लागू हुए तो खेती पूरी तरह से तबाह हो जाएगी. सरकार जिसे किसानों की मुक्ति का मार्ग बता रही है, दरअसल वही उनके लिये डेथ वारंट है.


रालोसपा ने कहा कि केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव, द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स ऐक्ट (प्रमोशन एंड फेसिलिएशन), (एफपीटीसी) और एफएपीएएफएस (फार्मर एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्युरेंस एंड फार्म सर्विसेज कानून बना कर किसानों को बंधक बनाने की साजिश रची है.