PATNA : बिहार में बढ़ते अपराध पर विपक्ष के कड़े रुख को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य और पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की बहुत ही गंभीर और अहम भूमिका होती है. लोकतंत्र का सही मायने में पहरेदार तो विपक्ष ही होता है. उन्होंने कहा कि मैंने तो 1966 से ही विपक्ष की राजनीति शुरू कर दी थी.
आर के सिन्हा ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. राम मनोहर लोहिया के नेतृत्व में संयुक्त विधायक दल की कल्पना हुई और हमने लड़ाई लड़कर 1967 में सरकार भी बनाई. 1968 में कांग्रेस ने सरकार गिरा दी. 1969 में मध्यावधि चुनाव के बाद फिर संयुक्त विधायक दल की सरकार बनी. फिर विपक्ष की अनेकों भूमिकायें में रहते हुए काम करते रहे.
उन्होंने बताया कि जब प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एसपीजी एक्ट आया. आतंकवादियों पर नियंत्रण के लिए एनएसजी एक्ट आया और बहुत तरह के ऐसे विधेयक आये जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा को ठीक करने की बात कही गई तो उसका समर्थन भी किया. आज जब बिहार में विपक्ष अपराध नियंत्रण की बात करता है तो उसे पुलिस के सशक्तिकरण के लिये इस विधेयक का समर्थन करना चाहिये, नहीं तो यही सिद्ध होगा कि विपक्ष अपराधियों के संरक्षण में ही दिलचस्पी रखती है.