PATNA : महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी बनाए जाने के मामले को लेकर जीतन राम मांझी भले ही आरजेडी को बार-बार अल्टीमेटम दे रहे हो लेकिन राष्ट्रीय जनता दल फिलहाल मांझी समेत अन्य सहयोगी दलों को भाव देने के मूड में नहीं है। मांझी ने कोआर्डिनेशन समिति के गठन के लिए 25 जून तक की डेडलाइन तय की है लेकिन इस बात की कोई संभावना नहीं दिखती की 25 जून तक महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमिटी बन पाएगी। आरजेडी से निराश हुए मांझी दिल्ली दरबार का चक्कर लगाने वाले हैं। मांझी दिल्ली में महागठबंधन के अंदर शामिल अन्य दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे।
दिल्ली में बनेगी बिहार चुनाव पर रणनीति
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मंगलवार को दिल्ली जाने वाले हैं। माना जा रहा है कि जीतन राम मांझी दिल्ली में रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के साथ-साथ शरद यादव और कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। जीतन राम मांझी सहयोगी दलों से विचार विमर्श करने के बाद राष्ट्रीय जनता दल पर यह दबाव बढ़ाने का प्रयास करेंगे कि जल्द से जल्द महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमिटी का गठन किया जाए। रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। शरद यादव के करीबी सूत्रों की माने तो इन दोनों नेताओं के साथ शरद विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा करने वाले हैं हालांकि इनमें से किसी भी नेता को अब तक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुलाकात करने का वक्त नहीं दिया है।
RJD से डरे सहयोगी
कोआर्डिनेशन कमेटी के गठन को लेकर आरजेडी को अल्टीमेटम देने वाले मांझी को इस बात का डर भी सता रहा है कि कहीं रालोसपा और वीआईपी ने साथ छोड़ा तो वह अलग-थलग पड़ जाएंगे। यही वजह है कि जीतन राम मांझी के बेटे और एमएलसी संतोष मांझी ने रालोसपा और वीआईपी के साथ मतभेद की किसी भी खबर का खंडन किया है। मांझी लगातार कह रहे हैं कि अगर आरजेडी ने कोआर्डिनेशन कमेटी के गठन की मांग नहीं मानी तो उनके पास अन्य राजनीतिक विकल्प खुले हुए हैं। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि मांझी समेत अन्य छोटे दलों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं विधानसभा चुनाव के ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल सीट बंटवारे के मामले में छोटे दलों को साइडलाइन ना कर दे। उधर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी बिहार में महागठबंधन के अंदर कोऑर्डिनेशन कमिटी की मांग की है। भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा है कि महागठबंधन में समन्वय समिति बननी चाहिए। भाकपा का मानना है कि बिहार में अगर एनडीए को हराना है तो इसके लिए अलग-अलग गठबंधन की बजाय एक मजबूत गठबंधन खड़ा करना होगा।