PATNA : बिहार के महागठबंधन में सीट शेयरिंग हो गयी है. सूत्रों के हवाले से ये बडी खबर मिल रही है. आरजेडी और कांग्रेस ने आपस में सीटें बांट ली हैं. बाकी की छोटी पार्टियों को उसमें हिस्सा दिया जायेगा. इसी महीने के आखिर में सीट शेयरिंग का औपचारिक एलान होने की संभावना है.
क्या है सीट शेयरिंग का फार्मूला
दिल्ली से प्रकाशित एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक आरजेडी और कांग्रेस के नेताओं के बीच हुई बातचीत में ये तय हो गया है कि किसके हिस्से में कितनी सीट आयेंगी. दोनों के बीच हुई सहमति के मुताबिक आरजेडी के हिस्से में 152 सीट जायेंगी तो कांग्रेस के कोटे में 91 सीट रहेंगी. हालांकि दोनों बडी पार्टियां अपने हिस्से की सीट में छोटी पार्टियों को एडजस्ट करेंगी.
आरजेडी-कांग्रेस के बीच तय हुए फार्मूले के मुताबिक लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल अपने हिस्से की सीट में मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी और सीपीआई (एम-एल) को एडजस्ट करेगी. उधर कांग्रेस अपने हिस्से की 91 सीट में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के साथ साथ सीपीआई को एडजस्ट करेगी.
अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने बताया कि सीट शेयरिंग लगभग फाइनल हो गया है. इसका औपचारिक एलान अगस्त में कर दिये जाने की संभावना है. हालांकि महागठबंधन ये इंतजार करेगा कि बिहार चुनाव को लेकर चुनाव आयोग क्या फैसला लेता है. अगर चुनाव तय समय़ पर होंगे तो इसी महीने सीट शेयरिंग का एलान हो जायेगा. लेकिन अगर चुनाव टलने की संभावना हुई तो सीटों के बंटवारे के औपचारिक एलान में भी देर हो सकती है.
कांग्रेस के एक नेता के मुताबिक इस बार सीट शेयरिंग का फैसला पिछली दफे यानि 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के आधार पर ही किया गया है. पिछले दफे आरजेडी-जेडीयू को 101-101 और कांग्रेस को 41 सीट मिली थीं. इस दफे जेडीयू नहीं है. लिहाजा आरजेडी-कांग्रेस में उसी अनुपात में सीटों को बढाया गया है.
हालांकि ये देखना दिलचस्प होगा कि आरजेडी अपने हिस्से की सीट में से कितनी सीटें वीआईपी पार्टी औऱ सीपीआई एम-एल के लिए छोड़ती है. ये माना जा रहा है कि आरजेडी कम से कम 130 सीट पर खुद लड़ना चाहती है. ऐसे में बाकी की दोनों पार्टियों के लिए 22 सीटों का कोटा बचता है. मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी की ख्वाहिश बडी है. उधर सीपीआई एम-एल के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव में बीजेपी विरोधी पार्टियों की एकता चाहती है. लेकिन उन्हें सम्मानजनक सीटें चाहिये.
उधर कांग्रेस अपने हिस्से की 91 सीट में से 45 सीट अपने पास रखना चाह रही है. बाकी की 46 सीटों को उपेंद्र कुशवाहा की RLSP, जीतन राम मांझी की हम और सीपीआई को दिया जा सकता है. लेकिन सीपीआई की मांग बड़ी है. उधर जीतन राम मांझी तो शुरू से नाराज ही हैं. जीतन राम मांझी कह चुके हैं कि वे 22 अगस्त को गठबंधन को लेकर अपना आखिरी फैसला लेने जा रहे हैं. मांझी आरजेडी पर तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं.
वहीं, आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सीट शेयरिंग पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है. जगदानंद सिंह ने कहा कि आरजेडी बिहार के महागठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है. ऐसे में पार्टी ने सभी 243 सीटों पर अपनी तैयारी कर रखी है. सही समय पर महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो जायेगा.