जेल से बाहर नहीं आएंगे लालू यादव, रांची हाईकोर्ट से राजद सुप्रीमो को लगा बड़ा झटका

जेल से बाहर नहीं आएंगे लालू यादव, रांची हाईकोर्ट से राजद सुप्रीमो को लगा बड़ा झटका

PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. राजद सुप्रीमो लालू यादव जेल से बाहर नहीं आने वाले हैं. झारखंड हाई कोर्ट में लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट ने उन्हें बेल नहीं दी है. हाई कोर्ट ने आधी सजा पूरी करने की दलील को नहीं माना है. दरअसल दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट से मिली सजा की आधी अवधि काट लेने का दावा करते हुए लालू प्रसाद ने जमानत की मांग की थी. लेकिन लालू को बड़ा झटका लगा है.


लालू प्रसाद यादव के वकील प्रभात कुमार ने कहा है कि हाईकोर्ट ने यह कहा है कि लालू प्रसाद यादव की तरफ से हाफ सेंटेंस पूरा करने के आधार पर जो याचिका दायर की गई थी, उसमें 2 महीने का वक्त घट रहा है. हाईकोर्ट का है कि अब दो महीने बाद लालू यादव की जमानत याचिका दाखिल की जा सकती है. सीबीआई लगातार कोर्ट में दलील दे रहे थे कि लालू यादव ने अब तक चारा घोटाला मामले में दुमका ट्रेजरी से अवैध निकासी केस में हाफ सेंटेंस पूरा नहीं किया है. 2 महीने के बाद लालू यादव को इस मामले में जमानत मिल सकती है क्योंकि हाफ सेंटेंस पूरा करने के बाद वापस लालू यादव के वकील कोर्ट का रुख रखेंगे.


लालू यादव की तरफ से जेल में 1997 और साल 2001 में काटी गई सजा को भी हाफ सेंटेंस की अवधि में जोड़ा गया था लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया. लालू यादव, साल 2001 और 1997 में एक 1 महीने जेल के अंदर रहे थे लेकिन कोर्ट में बचाव पक्ष की तरफ से दी गई इस दलील को नहीं माना. लालू यादव फिलहाल जेल में ही रहेंगे और सुप्रीम कोर्ट में उनकी तरफ से कोई अपील नहीं की जाएगी. लालू यादव के वकीलों ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि 2 महीने बाद जब वह हाफ सेंटेंस की अवधि पूरी हो जाएगी तो उनकी तरफ से वापस झारखंड हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका लगाई जाएगी.


शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट में पहली सीटिंग में सुनवाई के दौरान लालू यादव की ओर से उनके वकील कपिल सिब्‍बल ने बहस की. उन्होंने जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट में आधी सजा काटने संबंधी दस्‍तावेज जमा कराया. इसके बाद दूसरी पाली में फिर से जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू हुई और बहस के बाद कोर्ट से लालू यादव को बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने आधी सजा पूरी करने की दलील को नहीं मानी है. 


आपको बता दें कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव को सात साल की सजा सुनाई थी. इससे पहले जब कोर्ट में पिछली बार सुनवाई हुई थी, तब लालू प्रसाद की ओर से दस्तावेज पेश करते हुए दावा किया गया था कि उन्होंने 42 महीने से अधिक समय तक जेल की सजा काट ली है. यह अवधि बीते 8 फरवरी को ही पूरी हो गयी है. लेकिन कोर्ट में सीबीआई ने कहा कि अभी भी 2 महीने कम हैं. लालू ने चारा घोटाला मामले में दुमका ट्रेजरी से अवैध निकासी केस में हाफ सेंटेंस पूरा नहीं किया है. 


गौरतलब हो कि राजद सुप्रीमो लालू यादव को पिछले महीने 23 जनवरी को रांची के रिम्स से दिल्ली एम्स में शिफ्ट किया गया था. उनकी तबियत ज्यादा खराब होने पर उन्हें रांची से चार्टड प्लेन से दिल्ली ले जाय गया था. फिलहाल दिल्ली के एम्स में डॉ राकेश यादव की देख रख में उनका इलाज किया जा रहा है. उनकी देखरेख में दिल्ली एम्स की एक टीम लगी हुई है. जानकारी के अनुसार लालू यादव लंग्स, किडनी और हार्ट की बीमारी से जूझ रहे हैं.


आपको बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के 4 मामले में सजा सुनाई गई है. देवघर के एक, चाईबासा के दो और दुमका के मामले में निचली अदालत से सजा दी गई है, जिसमें 3 मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है. यह चौथा मामला है जिसमें शुक्रवार को रांची हाईकोर्ट से उन्हें जमानत नहीं मिली. 


बता दें कि दुमका ट्रेजरी केस बिहार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 1991 से 1996 के बीच दुमका ट्रेजरी से साढ़े तीन करोड़ रुपये निकाले जाने से जुड़ा है और इस दौरान लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी केस में अक्टूबर में ही जमानत मिल गई थी, लेकिन दुमका ट्रेजरी केस की सुनवाई पूरी नहीं होने के चलते उन्हें जेल में ही रहना पड़ा.