RJD में शामिल हों गए रालोजपा सांसद महबूब अली कैसर, तेजस्वी ने दिलाई सदस्यता, कहा- तलवार बांटने वालों के साथ नहीं, कलम बांटने वाले के साथ है जनता

RJD में शामिल हों गए रालोजपा सांसद महबूब अली कैसर, तेजस्वी ने दिलाई सदस्यता, कहा- तलवार बांटने वालों के साथ नहीं, कलम बांटने वाले के साथ है जनता

PATNA : खगड़िया के निवर्तमान सांसद चौधरी महबूब अली कैसर रविवार को रालोजपा (पारस गुट) का दामन छोड़ राजद में शामिल हो गए हैं। इसके लिए चौधरी महबूब अली कैसर राजद कार्यालय पहुंचे थे। जहां तेजस्वी यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई है। महबूब अली कैसर के साथ उनके बेटे युसूफ कैसर राजद के दफ्तर में मौजूद थे। कैसर दो बार खगड़िया से सांसद रह चुके हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उनको काफी वोट भी मिले थे। लेकिन वर्ष 2024 में उन्हें उनकी पार्टी ने टिकट नहीं दिया।


वहीं, खगड़िया सांसद को राजद में शामिल करवाते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि महबूब अली कैसर ने संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए यह फैसला लिया है। यहां दो खेमा है। एक तलवार बांटने वालों का और एक हमलोगों का जो कलम बांट रहे हैं। अब कैसर साहब ने जो निर्णय लिया है, उससे बिहार और देशभर में एक सन्देश गया है। इनके निर्णय से पूरे देश और राज्य में जो भी निर्णय जाएगा वह देश को बचाने वाला होगा।


दरअसल, एनडीए में पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा को एक भी सीट नहीं मिलने के बाद पार्टी में जैसे भगदड़ सी मच गई है। खगड़िया से राष्ट्रीय लोजपा के सांसद महबूब अली कैसर अचानक चिराग से मिलने पहुंचे थे और पारस की पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया था। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वह जल्द ही चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) में शामिल हो जाएंगे। लेकिन यहां भी बात नहीं बनी।


आपको बताते चलें कि चिराग पासवान ने भागलपुर के स्वर्ण कारोबारी राजेश वर्मा को खगड़िया से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया। टिकट नहीं मिलने के बाद आखिरकार महबूब अली कैसर ने आरजेडी में जाने का फैसला ले लिया। महागठबंधन में खगड़िया की सीट सीपीएम को दे दी गई। ऐसे में महबूब अली कैसर सीपीएम उम्मीदवार का समर्थन कर अब चिराग पासवान को चुनौती देंगे।