RJD की राष्ट्रीय कमेटी का गठन: 27 पदाधिकारियों में राबड़ी समेत 10 यादव, सिर्फ 3 मुसलमान, अति पिछड़े किनारे

RJD की राष्ट्रीय कमेटी का गठन: 27 पदाधिकारियों में राबड़ी समेत 10 यादव, सिर्फ 3 मुसलमान, अति पिछड़े किनारे

DELHI: किडनी के इलाज के लिए सिंगापुर रवाना होने से पहले राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कमेटी का गठन कर दिया है. 27 सदस्यीय कमेटी में पूर्व CM राबड़ी देवी और शिवानंद तिवारी समेत 4 उपाध्यक्ष, अब्दुल बारी सिद्दीकी को प्रधान महासचिव, 10 महासचिव, 12 सचिव और एक कोषाध्यक्ष बनाया गया है. 



राजद की नयी राष्ट्रीय कमेटी के एलान के साथ ही अब्दुल बारी सिद्दीकी को राजद का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की अटकलों पर विराम लग गया है. उन्हें राष्ट्रीय कमेटी में जगह मिलने के बाद ये साफ हो गया है कि फिलहाल जगदानंद सिंह ही प्रदेश राजद की कमान संभालेंगे. वैसे लालू की कमेटी में जातिगत हिसाब से यादवों का बोलबाला है, मुस्लिम सिमटे हैं तो अति पिछड़े किनारे लगा दिए गए हैं. 


राजद की राष्ट्रीय कमेटी

लालू यादव ने अपनी पार्टी में 4 उपाध्यक्ष बनाया है. इसमें पूर्व सीएम राबड़ी देवी, शिवानंद तिवारी, बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव शामिल हैं. वहीं लालू परिवार के करीबी MLC सुनील कुमार सिंह को कोषाध्यक्ष बनाया गया है. 


सिद्दीकी फिर बने प्रधान महासचिव 

लालू यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को फिर से पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया है. उनके साथ 10 नेताओं को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. राजद के महासचिव बनाये गये नेताओं मे जय प्रकाश नारायण यादव, कांति सिंह, श्याम रजक, भोला यादव, बिहार में मंत्री ललित कुमार यादव और कुमार सर्वजीत के साथ साथ सैयद फैसल अली, सुखदेव पासवान, सुशीला मोराले और अलख निरंजन सिंह उर्फ बीनू यादव का नाम शामिल है. 



लालू यादव ने 12 राष्ट्रीय सचिव भी बनाया है. इनमें बिहार के बहुचर्चित पूर्व मंत्री कार्तिक मास्टर,  विधायक भरत बिंद, भरत भूषण मंडल, संगीता कुमारी के साथ साथ यदुवंश कुमार यादव, पूर्व MP घूरन राम, डॉ लाल रत्नाकर, विजय वर्मा, मो. सत्तार, आनंद नायडू, संतोष कुमार जायसवाल और संजय ठाकुर के नाम शामिल हैं. 



दिलचस्प बात ये है कि MY समीकरण वाली पार्टी के 27 राष्ट्रीय पदाधिकारियों में 10 यादव हैं. सिर्फ 3 मुसलमानों को जगह मिली है. लालू जिस वोट बैंक को कभी जिन्न कहते थे यानि अति पिछड़े तबके को राजद की राष्ट्रीय कमेटी में किनारे लगा दिया गया है. पार्टी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रधान महासचिव, महासचिव और कोषाध्यक्ष में कोई अति पिछडा नहीं है. हाँ, सबसे छोटे पदाधिकारियों यानि सचिव की लिस्ट में इक्का- दुक्का अति पिछड़े नेताओं का नाम दिख रहा है.