‘मेरे परिवार के बारे में कोई कुछ बोलेगा तो बख्शेंगे नहीं’ बोले चेतन आनंद- RJD के छोटे नेताओं से मुझे और मेरे पिता को गालियां दिलवाई गईं

‘मेरे परिवार के बारे में कोई कुछ बोलेगा तो बख्शेंगे नहीं’ बोले चेतन आनंद- RJD के छोटे नेताओं से मुझे और मेरे पिता को गालियां दिलवाई गईं

PATNA: नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान ऐन वक्त पर पाला बदलने वाले आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने तेजस्वी का साथ छोड़ने की वजह बताई है। पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने कहा है कि आरजेडी में उन्हें और उनके पिता को गालियां दी जा रही थीं। शीर्ष नेताओं की सह पर पार्टी के छोटे नेता गाली देने का काम कर रहे थे। उन्होंने कहा है कि कोई उन्हें कुछ कह ले तो वे इसे बर्दाश्त कर लेंगे लेकिन उनके परिवार के बारे में कोई कुछ कहेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।


दरअसल, नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले चेतन आनंद को लेकर खूब सियासी ड्रामा हुआ था। चेतन आनंद जब तेजस्वी के सरकारी आवास में नजरबंद कर दिए गए थे तो उन्हें वहां से मुक्त कराने के लिए पटना की पूरी पुलिस टीम तेजस्वी के आवास पर पहुंची थी। चेतन आनंद के भाई ने पुलिस से उनके लापता होने की शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि 10 फरवरी से ही उनके भाई लापता हैं।


आनंद मोहन के छोटे बेटे की शिकायत पर पुलिस तेजस्वी के सरकारी आवास पहुंची थी और उन्हें मुक्त कराने की कोशिशी की थी लेकिन विधायक चेतन आनंद ने पुलिस को वापस लौटा दिया था और अगले दिन जब विधानसभा में नीतीश सरकार का फ्लोर टेस्ट हुआ तो चेतन आनंद तेजस्वी को झटका जेते हुए सत्ताधारी पक्ष के साथ जाकर बैठ गए थे और सरकार के पक्ष में वोट किया था। चेतन आनंद ने बताया कि किस कारण से उन्होंने आरेजेडी और तेजस्वी यादव का साथ छोड़ दिया।


चेतन आनंद ने कहा कि आरजेडी में कई ऐसे चाटूकार छोटे-छोटे लोग हमलोगों को गालियां दे रहे थे। वे लोग ऐसे ही गाली नहीं दे रहे थे बल्कि उन्हें प्रोत्साहन दिया गया था। मेरे पिताजी को गालियां दी गईं, मुझे गाली दी गई। पार्टी में रहते हुए मेरा अपमान किया गया लेकिन उसके बाद भी हम उन लोगों के साथ थे। ये तो परेशानी तब आई जब 10 तारिख को कंफ्यूजन हुआ। 


उन्होंने कहा कि हमने कहा कि एक बार मुझे जाकर के अपने परिवार से मिलकर कंफ्यूजन दूर करने दीजिए लेकिन उसके बावजूद हमको रोका गया। हम तो पता करने के लिए घर जा रहे थे कि आखिर मामला क्या है लेकिन उसके बाद हमको रोक दिया गया। बहुत देर तक हम लोगों से मिन्नतें करते रहें कि हमको जाने दीजिए लेकिन नही जाने दिया। कोई बात नहीं है जिसको जो कहना है कहने दीजिए लेकिन हमारे परिवार के बारे में कोई कुछ कहेगा तो उसको बख्शेंगे नहीं।