RJD-JDU में ऑल इज नॉट वेल: नीतीश के कार्यक्रम में नहीं पहुंचा राजद का कोई मंत्री, क्या जानबूझकर किया गया बहिष्कार

RJD-JDU में ऑल इज नॉट वेल: नीतीश के कार्यक्रम में नहीं पहुंचा राजद का कोई मंत्री, क्या जानबूझकर किया गया बहिष्कार

PATNA: बिहार के सत्तारूढ़ गठबंधन में खटपट तेज होता दिख रहा है. सुधाकर सिंह के बयानों से आग लगी ही थी, आज उससे बड़ा मामला सामने आ गया. पटना में आज नीतीश कुमार के जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम का राजद कोटे के मंत्रियों ने बहिष्कार कर दिया. नीतीश के इस कार्यक्रम में राजद कोटे के आधा दर्जन मंत्रियों के विभाग शामिल थे लेकिन कोई मंत्री कार्यक्रम में नहीं पहुंचा.


दरअसल नीतीश कुमार ने बिहार में जल-जीवन-हरियाली मिशन शुरू किया है, जिसमें सरकार के कई विभागों को शामिल किया गया है. सूबे में पर्यावरण संरक्षण को लेकर 2019 में ही इस अभियान की शुरूआत की गयी थी. आज इसकी चौथी वर्षगांठ पर पटना में बड़ा सरकारी कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू के कोटे के मंत्री ही मौजूद रहे. राजद के एक भी मंत्री ने इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं की.


राजद के मंत्रियों का बहिष्कार

नीतीश कुमार के जल-जीवन-हरियाली मिशन में राज्य सरकार के एक दर्जन से ज्यादा विभागों को शामिल किया गया है. इसमें से ज्यादातार विभागों में मंत्री पद पर फिलहाल राजद कोटे के नेता बैठे हैं. जल-जीवन-हरियाली मिशन में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, भवन निर्माण विभाग, पथ निर्माण, पीएचईडी विभाग शामिल है. ये सारे वैसे विभाग हैं जिनमें राजद के मंत्री हैं.


जल-जीवन-हरियाली मिशन में शामिल नगर विकास, स्वास्थ्य, भवन निर्माण और पथ निर्माण विभाग के मंत्री तो खुद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव हैं. न्यू ईयर सेलेब्रेट करने दिल्ली गये तेजस्वी यादव मंगलवार को पटना लौटे लेकिन मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. जल-जीवन-हरियाली मिशन के सबसे अहम विभाग यानि वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री तेजस्वी के भाई तेजप्रताप यादव हैं. वहीं, कृषि मंत्री सर्वजीत कुमार, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता, पीएचईडी मंत्री ललित यादव हैं. इनमें से किसी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम में शिरकत नहीं किया. पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में सिर्फ जेडीयू कोटे के मंत्री विजय चौधरी और श्रवण कुमार ही शामिल हुए. 


सुशील मोदी ने बोला हमला

उधर बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद-जेडीयू के बीच जारी खेल पर तीखा हमला बोला है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सुधाकर सिंह के तीखे बयान के बाद राजद कोटे के मंत्रियों के मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार करने से महागठबंधन छिड़ा महासंग्राम सामने आ गया है. मोदी ने कहा है कि ये संग्राम तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने तक नहीं रुकेगा. 


नीतीश का जाना तय

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अब दो ही रास्ते बचे हैं. या तो लालू प्रसाद जद-यू को तोड़कर तेजस्वी को सीएम बनवा लें या नीतीश कुमार राजद से समझौते के मुताबिक तेजस्वी को कुर्सी सौंप कर दिल्ली की राजनीति में चले जाएँ. मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार "जंगलराज" शब्द का  प्रयोग किये बिना अपनी सभाओं में पहले के दौर की बार-बार याद दिला कर तेजस्वी के माता-पिता के उस शासन पर बहुत महीन तरीके से हमला कर रहें हैं, जब लोग शाम के बाद डर से बाहर नहीं निकलते थे. मोदी ने कहा है कि तेजस्वी यादव को बताना चाहिये कि अगर महागठबंधन में सब-कुछ ठीक है, तो राजद कोटे के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम का बहिष्कार क्यों किया ? वे खुद क्यों अनुपस्थित थे? 


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब भाजपा नीतीश सरकार में शामिल थी, तब बीजेपी के किसी मंत्री ने कभी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार नहीं किया. उन्होंने कहा कि जब सुधाकर सिंह मुख्यमंत्री को 'शिखंडी' और 'तानाशाह' कह रहे हैं, तो क्या लालू प्रसाद की जानकारी के बिना सीएम पर ऐसे तीखे हमले हो सकते हैं?  मोदी ने कहा कि अगर महागठबंधन पर बयान देने के लिए केवल लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव अधिकृत हैं, तब शिवानंद तिवारी कैसे बयान देते हैं? उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार,दोनों के बीच नूरा-कुश्ती चल रही है।