नीतीश सरकार ने अपराधियों पर कसी नकेल, मोतिहारी के कुख्यात राहुल सिंह की 2 करोड़ से अधिक की संपत्ति होगी जब्त कटिहार का चोर गिरोह जमुई में सक्रिय, चकाई पुलिस ने फिल्मी अंदाज़ में एक घंटे में किया 5 लाख की चोरी का खुलासा समस्तीपुर में पुलिस पर हमला, मारपीट की सूचना पर पूर्व मंत्री के घर पहुंची थी टीम, गाड़ी को किया क्षतिग्रस्त 100 करोड़ के फर्जी GST रिफंड घोटाले में CBI की रेड, पटना के तत्कालीन एडिशनल कमिश्नर सहित 30 पर केस दर्ज BIHAR: वज्रपात की चपेट में आने से बेगूसराय में 2 की मौत, परिजनों के बीच मचा कोहराम Bihar Dsp Transfer: बिहार के 19 अनुमंडल में नए SDPO की पोस्टिंग, पूरी सूची देखें.... Bihar Transfer Posting: बिहार प्रशासनिक सेवा के 105 अधिकारियों का तबादला, वेटिंग वाले 59 अफसरों को मिली नई जगह, पूरी लिस्ट देखें.... Patna News: पटना पश्चिम के दानापुर-नौबतपुर-खगौल-बिक्रम के इन 18 माफियाओं की संपत्ति जब्त करने की तैयारी...न्यायालय में भेजा गया प्रस्ताव, पूरी लिस्ट देखें.. गया में श्रीविद्या त्रिकोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ का आयोजन, 5 हजार सुहासिनी महिलाओं ने किया एक करोड़ बार श्रीललिता सहस्त्रनाम का अर्चन VIP नेता संजीव मिश्रा ने झखारगढ़ में चलाया जनसंवाद अभियान, भ्रष्टाचार के खिलाफ फूंका बिगुल, कहा..दो दशकों से रुके विकास को मिलेगी नई रफ्तार
1st Bihar Published by: Updated Wed, 09 Jun 2021 07:57:19 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पटना के कई प्राइवेट अस्पतालों में मनमानी की खूब खबरें सामने आई. इस दौरान परिजनों ने कई अस्पतालों के ऊपर गंभीर आरोप लगाए. पटना के साईं हॉस्पिटल के ऊपर रेमडेसिविर जैसी दवा की कालाबाजारी का आरोप लगा था. इस अस्पताल के ऊपर केस भी दर्ज किया गया था. लेकिन आपको यह जानकर हैरत होगी कि महज 3 दिन की जांच के बाद इस अस्पताल को क्लीनचिट दे दी गई. इतना ही नहीं अस्पताल पर रेमडेसिविर की कालाबाजारी को लेकर जो आरोप लगे थे उसे मानवीय भूल बताकर साईं हॉस्पिटल को पाक साफ करार दिया गया.
आपको बता दें कि 17 मई को शिकायत मिलने के बाद ड्रग डिपार्टमेंट की टीम ने साईं अस्पताल में छापेमारी की थी और फिर कंकड़बाग थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी. साईं हॉस्पिटल पर आरोप था कि 65 वायल रेमडेसिविर साईं मेडिकल के द्वारा एमआरपी से अधिक कीमत पर बेची गई. इंजेक्शन पर ₹4000 ज्यादा लिए गए.
मामले की जांच करने के बाद ड्रग डिपार्टमेंट की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई थी लेकिन बाद में सहायक औषधि नियंत्रक के नेतृत्व में 3 सदस्यों की एक टीम बनाई गई जिसे जांच का जिम्मा दिया गया. टीम ने 20 मई को जांच की. 21 मई को राज्य औषधि नियंत्रक को रिपोर्ट सौंप कर यह कह दिया कि साईं मेडिकल द्वारा जो उल्लंघन किया गया, वह मानवीय भूल थी.
औषधि विभाग की जांच टीम की तरफ से अस्पताल को दी गई क्लीनचिट को लेकर अब बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है. एफआईआर दर्ज होने के 3 दिन बाद ड्रग कंट्रोलर के आदेश पर असिस्टेंट कंट्रोलर के नेतृत्व में जांच करने पहुंची टीम को अस्पताल की तरफ से यह बताया गया कि दवा की कीमत ₹3000 प्रति वायल कर दी गई है. तब जिन लोगों को ₹4000 प्रति वायल के हिसाब से बेचा गया था, उन्हें एक ₹1000 वापस लौटा दिए गए हैं.
कोरोना महामारी के बीच ऐसी शिकायतें खूब देखने को मिली. साईं हॉस्पिटल के मामले में ड्रग विभाग की टीम शुरुआत में तो सख्त लिखी लेकिन बाद में मामला सुस्त पड़ गया. आखिरकार अब अस्पताल के ऊपर कालाबाजारी के जो आरोप लगे थे, उस मामले को मानवीय भूल कैसे बता दिया गया, यह अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करता है.