Diwali 2025: दिवाली पर मिठास के साथ जहर? जानिए किन मिठाइयों में होती है सबसे ज्यादा मिलावट Bihar Election 2025: "न पार्टी, न सिंबल..." फिर भी सिल गया कुर्ता और पक गई सियासी मिठाई, ‘छोटे सरकार’ के नामांकन की तैयारी पूरी पाकिस्तानी PM के सामने ट्रंप ने कर दी Narendra Modi की तारीफ, कहा "भारत महान देश, मेरे अच्छे दोस्त मोदी का काम शानदार.." रणजी ट्रॉफी में बिहार की ओर से धमाल मचाते नजर आएंगे Vaibhav Suryavanshi, मिली यह विशेष जिम्मेदारी Upcoming Releases: दिवाली वीक में फिल्मी तड़का, ओटीटी और सिनेमा घरों में होगा फुल ऑन एंटरटेनमेंट, जाने कब और कौन सी मूवी होगी रिलीज Bihar Election 2025: BJP के चाणक्य खुद उतरेंगे मैदान में, आखिर तीन दिनों तक क्यों करेंगे कैंप; अंदरखाने यह चर्चा तेज Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव फिर राघोपुर से आजमाएंगे किस्मत, इस दिन करेंगे नामांकन; महागठबंधन में सीट बंटवारे की घोषणा आज? Parlour Stroke Syndrome: सुंदरता की चाह में स्वास्थ्य से न हो समझौता Bihar Election 2025: RJD नेता ने इशारों ही इशारों में दिया अलग राह तलाशने के संकेत, कांग्रेस ने कहा - आंखों में पानी लेकर बुझाएं आग Bihar Weather: मानसून के जाते ही बिहार में ठंड की जोरदार एंट्री, इस बार टूटेगा कई दशकों का रिकॉर्ड
1st Bihar Published by: 9 Updated Wed, 26 Jun 2019 09:08:30 PM IST
- फ़ोटो
GAYA: गया से सिस्टम को झकझोरने वाली तस्वीर सामने आयी है जहां एएन मगध मेडिकल कॉलेज में एक महिला की मौत के बाद उसके परिजनों को एंबुलेंस नहीं उपलब्ध कराया गया. आखिरकार थक हारकर उसके परिजन कंधे पर उठाकर लाश को घर ले गए. परिजनों का आरोप है कि लाख मिन्नतें करने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया. सिस्टम को मुंह चिढ़ाती तस्वीर ये तस्वीरें उस सिस्टम की मुंह चिढ़ाती हैं जो सबकुछ ठीक होने का दावा करता है. ये तस्वीर उस मानवीय संवदेनाओं को झकझोरती हैं जिससे हम और आप तो जुड़े हुए हैं लेकिन शायद गया का यह मेन अस्पताल अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज नहीं. ये तस्वीर उस बदहाली की तस्वीर बयां करती हैं जिसके दूर-दूर तक सुधरने की कोई गुंजाइश नहीं. ये तस्वीर है गया के मुख्य अस्पताल एएन मगध मेडिकल कॉलेज की जहां एक भाई एक एंबुलेंस के लिए अस्पताल प्रबंधन की मिन्नतें करते करते हार गया लेकिन उसे एंबुलेंस नहीं मिल सका. आखिरकार भाई ने अपनी बहन की लाश को कंधे पर उठाया और घर लेकर गया. बदहाल है सिस्टम सवाल उन झूठे दावों का है, सवाल इस सड़ी हुई सिस्टम का है जो लाख कोशिशों के बाद भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल जिले के डुमरिया प्रखंड के पथरा गांव की रहने वाली हेमंती को गंभीर हालत में 25 जून को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. लेकिन गंभीर रुप से बीमार हेमंती की बुधवार को मौत हो गई. हेमंती की मौत के बाद उसके परिजनों ने लाश को घर ले जान के लिए अस्पताल प्रबंधन के पास एंबुलेंस के लिए फोन किया. प्रबंधन की तरफ से बताया गया कि अस्पताल के पास अपना एंबुलेंस नहीं है इसलिए आप 102 नंबर पर डायल कीजिए. ड्राइवर ने जाने से किया मना परिजनों ने जब इस नंबर पर डायल किया तो पता चला कि ड्राइवर अभी बाहर गया है. फिर हेमंती के परिजनों को ड्राइवर का फोन नंबर उपलब्ध कराया गया तो ड्राइवर ने चार घंटे इंतजार करने को कहा. लेकिन वो चार घंटे में भी नहीं पहुंचा और आखिरकार उसने नक्सली इलाके का बहाना बनाकर जाने से साफ इनकार कर दिया. कंधे पर ले गए शव को एंबुलेंस के इंतजार में घंटों बिताने के बाद हेमंती के परिजनों के सब्र का बांध टूट गया और उसकी लाश को कंधे पर उठाकर अपने घर ले गए.