DELHI : केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद आरसीपी सिंह ने आज इस्पात मंत्रालय का कार्यभार में प्रभारी मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंप दिया. इस्पात विभाग में पहुंचकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यभार संभाल लिया है. इस मौके पर उनके साथ दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात के बाद पहली बार आरसीपी सिंह की चुप्पी टूटी.
आरसीपी सिंह ज्योतिरादित्य सिंधिया को कार्यभार देने के बाद से कहा कि सिंधिया बेहद अनुभवी राजनेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इस्पात मंत्रालय की जिम्मेदारी के लिए चुना है, तो यह वाकई एक बेहतरीन फैसला है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अपने संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में मंत्रालय ने काम किया है और आगे इस काम को जारी रखेंगे.
हालांकि इस्पात मंत्रालय में अपने कामकाज की बाबत पूछे जाने पर आरसीपी सिंह ने चुप्पी साध ली. आरसीपी सिंह अपने इस्तीफे को लेकर आगे के सवालों का सामना नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने कह दिया कि इस सब पर आगे बातचीत होगी.
पूर्व इस्पात मंत्री और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह का राज्यसभा में आज यानी गुरुवार को आखिरी दिन है। उन्होंने कार्यकाल खत्म होने से पहले ही 6 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद चर्चा का बाजार तेज हो गया। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्पात मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है.
पिछले कई दिनों से आरसीपी सिंह मीडिया के सवालों से बचते नज़र आ रहे थे। उनसे बीजेपी ज्वाइन करने को लेकर भी कई बार सवाल पूछे गए, लेकिन हर बार आरसीपी सिंह ने चुप्पी साधी रखी। दरअसल, इस बार जेडीयू ने आरसीपी सिंह का राज्यसभा से पत्ता काट दिया था। इसके बाद आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार के बीच की दरार भी झलक गई थी। एक वक्त था जब RCP सिंह नीतीश के हनुमान पुकारे जाने पर खुश हो जाते थे, लेकिन राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने साफ़ तौर पर ये कहा कि वो किसी के हनुमान नहीं हैं, बल्कि उनका नाम राम चंद्र है।