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31-Oct-2024 11:34 AM
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PATNA : पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने गुरुवार को अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया है। इन्होंने अपनी पार्टी का नाम 'आसा' रखा है। इनकी पार्टी के झंडे में 3 रंग होंगे। झंडे में सबसे ऊपर हरा, बीच में पीला, नीचे नीला रंग होगा। पार्टी लॉन्च के लिए उन्होंने ये दिन इसलिए चुना है, क्योंकि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती इसी दिन है। पटेल गुजरात के लेवा पाटीदार जाति से आते हैं, जिसे बिहार में कुर्मी कहा जाता है।
वहीं, करीब डेढ़ साल में ही रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) का भाजपा से मोहभंग हो गया है। आरसीपी के नई पार्टी बनाने की घोषणा से राजनीतिक गलियारों में नफा-नुकसान का आंकलन हो रहा है। कुछ जानकार आरसीपी के इस कदम से उनके नुकसान की बातें कह रहे हैं। वहीं, कुछ इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं। वहीं, इस मौके पर आरसीपी सिंह ने कहा कि जब चुनाव आयोग हमें पार्टी सिंबल देगा तो बीच के पीले रंग वाले हिस्से में पार्टी का लोगो काले रंग से आएगा।
जानकारी हो कि आरसीपी सिंह की गिनती जदयू के दूसरे नंबर के नेता में की जाती थी। एक समय था कि नीतीश कुमार के सभी बड़े राजनीतिक फैसले में उनकी भूमिका रहती थी। यही कारण था कि नीतीश कुमार ने उनको पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया। नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर बनने को लेकर उनके और जदयू के एक बड़े नेता के बीच में विवाद शुरू हुआ और यह विवाद इतना गहरा हो गया कि उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।
इसके बाद नीतीश कुमार से उनकी दूरी बढ़ने लगी। नीतीश कुमार ने उनको राज्यसभा ना भेज कर झारखंड के नेता खीरु महतो को राज्यसभा भेज दिया। इसके बाद उन्होंने जदयू से इस्तीफा दे दिया। आरसीपी सिंह मई 2023 में बीजेपी में शामिल हुए थे, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़ दिया था और अगस्त 2022 में महागठबंधन में शामिल हो गए थे। वह जदयू में थे तो पूरा संगठन का काम हुआ देखे थे। अब वह अपनी अलग पार्टी बना रहे हैं, लेकिन उनके अभी भी बीजेपी के बड़े नेताओं से अभी भी अच्छे संबंध हैं। अब देखना है कि बीजेपी के शीर्ष नेताओं से उनके भविष्य में भी अच्छे संबंध रहेंगे या नहीं।