ब्रेकिंग न्यूज़

सहरसा में बाइक की डिक्की से चोरी हुए 3 लाख रूपये कटिहार से बरामद, आरोपी फरार आर्केस्ट्रा में नाबालिगों के शोषण के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 21 लड़कियों को कराया मुक्त, 3 आरोपी गिरफ्तार बेगूसराय में बाइक सवार युवकों की दबंगई, 10 रूपये की खातिर पेट्रोल पंप पर की मारपीट और फायरिंग SUPAUL: छातापुर में संतमत सत्संग का 15वां महाधिवेशन संपन्न, VIP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने महर्षि मेही परमहंस को दी श्रद्धांजलि Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Bihar News: बिहार महिला आयोग में भी अध्यक्ष-सदस्यों की हुई नियुक्ति, इन नेत्रियों को मिली जगह, जानें... Bihar Crime News: बिहार में पंचायत के दौरान खूनी खेल, गोली मारकर युवक की हत्या; गोलीबारी से दहला इलाका Bihar News: बिहार को मिली एक और बड़ी उपलब्धि, शिक्षा, शोध और सेवा को नई उड़ान; डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने क्या कहा? Bihar News: बिहार को मिली एक और बड़ी उपलब्धि, शिक्षा, शोध और सेवा को नई उड़ान; डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने क्या कहा?

राष्ट्रपति नहीं बन सके लालू प्रसाद यादव, इस बार भी सपना रह गया अधूरा

1st Bihar Published by: Updated Sat, 02 Jul 2022 12:11:02 PM IST

राष्ट्रपति नहीं बन सके लालू प्रसाद यादव, इस बार भी सपना रह गया अधूरा

- फ़ोटो

CHAPRA : लालू प्रसाद यादव का राष्ट्रपति बनने का सपना इस बार भी पूरा नहीं हो सका। सारण के मढौरा निवासी लालू प्रसाद का नामांकन पिछली बार की तरह इस बार भी प्रस्तावकों की कमी के कारण रद्द कर दिया गया। नामांकन के लिए उन्हें 100 प्रस्तावकों की जरूरत थी लेकिन वे प्रस्तावकों का जुगाड़ नहीं कर सके। साल 2017 में भी प्रस्तावकों के अभाव में लालू प्रसाद यादव का नामांकन रद्द हो गया था और वह राष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ सके थे।


दरअसल, सारण के मढ़ौरा नगर पंचायत क्षेत्र स्थित यादव रहीमपुर के निवासी लालू प्रसाद यादव वार्ड पार्षद से लेकर लोकसभा, विधानसभा, विधान परिषद समेत कई चुनावों में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। लेकिन किसी भी चुनाव में उन्हें कामयाबी हासिल नहीं हुई। साल 2001 में उन्होंने पहली बार मढ़ौरा नगर पंचायत के वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ा था। साल 2006 और 2011 में भी वार्ड पार्षद चुनाव में कूदे, लेकिन यहां भी उनकी किस्मत दगा दे गई। साल 2014 और 2019 में छपरा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन चुनाव हार गए।


इतना ही नहीं लालू प्रसाद यादव ने साल 2016 विधान परिषद के सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, 2020 में सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और 2022 में सारण त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में भी किस्मत आजमाया लेकिन सफलता नहीं मिली। लालू प्रसाद यादव चुनाव लड़ने का विश्व रिकार्ड कायम करना चाहते हैं। इसी लिए वे बार बार चुनाव में अपनी किस्मत आजमाते हैं। वे कहत हैं कि चुनावी अखाड़े में कूदने का उनका सिलसिला थमने वाला नहीं है। नामांकन रद्द होने के बाद वे दिल्ली से वापस सारण लौट आए हैं। सारण के लालू प्रसाद यादव को विश्वास है कि जनता उन्हें एक बार मौका जरूर देगी और वे सदन में जरूर पहुंचेंगे।