राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनाथ सिंह ने नीतीश से की बातचीत, अन्य विपक्षी दलों से भी सहमति बनाने का प्रयास शुरू

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनाथ सिंह ने नीतीश से की बातचीत, अन्य विपक्षी दलों से भी सहमति बनाने का प्रयास शुरू

PATNA : भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मिशन राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभालने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत की है। दोनों नेताओं के बीच बीती रात तकरीबन 5 मिनट तक के फोन पर बातचीत हुई। बताया जा रहा है कि राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर नीतीश कुमार से कई बिंदुओं पर चर्चा की है। राजनाथ सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में आम सहमति बनाने की जिम्मेदारी दी है। नीतीश कुमार के अलावे राजनाथ सिंह ने शरद पवार, ममता बनर्जी, एच डी देवगौड़ा और अखिलेश यादव जैसे नेताओं से भी बातचीत की है, ऐसी खबरें सामने आ रही हैं।


आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक के दिल्ली में बुलाई थी। इस बैठक में कई नामों की चर्चा हुई। एनसीपी प्रमुख शरद पवार से लेकर महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी, एनके प्रेमचंद्र और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला तक के नाम पर बैठक में चर्चा हुई। सबसे पहले शरद पवार के नाम पर चर्चा हुई। ममता ने खुद उनका नाम आगे किया लेकिन बाद में यह खबर सामने आई की शरद पवार ने खुद अपने आपको राष्ट्रपति की रेस से बाहर कर लिया। शरद पवार ने साफ कर दिया कि अभी उन्हें सक्रिय राजनीति में ही रहना है। इसके बाद बीजेपी की तरफ से राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोर्चा संभाला। राजनाथ सिंह और अलग-अलग नेताओं से बातचीत की है। इसी कड़ी में नीतीश कुमार से राजनाथ सिंह ने बातचीत की और राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा हुई।


राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बीजेपी आम सहमति बनाने में जुटी हुई है। राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा इसकी कमान संभाल रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव और ममता बनर्जी से बीजेपी को अब तक के समर्थन का भरोसा नहीं मिला है, हालांकि नीतीश कुमार बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं। जेपी नड्डा ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पशुपति पारस सुरेश महतो फारूक अब्दुल्ला के साथ-साथ अन्य नेताओं से भी बातचीत की है। विपक्ष की बैठक में कांग्रेस, शिवसेना, आरएसपी, राजद, सपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, एनसीपी, आरएलडी, पीडीपी, झामुमो, तृणमूल कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, आईयूएमएल, जेडीएस, डीएमके शामिल हुए थे।